Robbery Case Agra: आवास विकास में डाक्टर के घर डकैती का पर्दाफाश, कारपेंटर ही निकला सूत्रधार
आगरा के जगदीशपुरा की आवास विकास कालोनी में 19 सितंबर की रात डाली गई थी डकैती। सीसीटीवी फुटेज से मिले थे सुराग। नौकरी से की गई पूछताछ। खुल गया मामला। पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। जगदीशपुरा की आवास विकास कालोनी में डाक्टर जसवंत राय के घर पड़ी डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। थोड़ी देर बाद होने जा रही प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस पूरे मामले की अधिकारिक जानकारी देगी। डकैती का सूत्रधार कारपेंटर था। जिसने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सुराग जुटाते हुए कारपेंटर से पूछताछ की तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया। कारपेंटर की निशानदेही पर पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। डाक्टर के यहां वारदात में बदमाशों की संख्या भी पांच की जगह छह थी। बदमाशों की एक गलती से पुलिस को सुराग मिला। बदमाश कालाेनी में एक साथ नहीं बल्कि एक-एक करके आए थे।
सेक्टर दो में रहने वाले डाक्टर जसवंत राय के घर पर 18 सिंतबर की रात को पांच नकाबपोश बदमाशों ने डकैती डाली थी। डाक्टर को तमंचे की बट से लहूलुहान करने के बाद पत्नी डाक्टर सुनीता सागर और छोटे भाई सुखवीर की पत्नी सीमा सागर को बंधक बना आठ लाख रुपये और 12 लाख रुपये के जेवरात लूट ले गए थे। मगर, अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो वह सुराग जरूर छोड़ जाता है। इस डकैती की घटना में भी यही हुआ।
बदमाशों को पहले से पता था कि घर की मालकिन कौन है। उन्होंने डाक्टर जसवंत के मुंह में टेप लगा, हाथ-पैर बांध कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद डाक्टर सुनीता सागर से ही अलमारी की चाबी मांगी थी। बदमाशों को इसकी जानकारी कैसे थी, पुलिस ने इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए छानबीन शुरू की। बदमाशों के बारे में उसे यहीं से उसे सुराग मिला।
डाक्टर दंपती के घर के पास में ही सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। सोमवार को पुलिस ने कैमरे की फुटेज मिल गईं। जिसे चेक करने पर पता चला कि बदमाशों की संख्या पांच नहीं बल्कि छह थी। वह एक-एक करके कालोनी में आए थे। जिससे किसी का ध्यान उन पर न पड़े। इसके बाद डाक्टर के गेट के पास खड़ी कार की आड़ में जाकर छिप गए थे।
एक बदमाश गेट से कूदकर अंदर आया। उसने गेट की कुंडी खोलकर साथियों को अंदर बुलाया था। वारदात के दौरान बदमाशों ने गेट केा अंदर से बंद कर लिया था। जबकि एक बदमाश नजर रखने के लिए कार के पीछे ही छिपा रहा था। पुलिस ने बाहर खड़े बदमाश की पहचान के प्रयास शुरू किए। जिसके बाद घटना की कड़ियां आपस में जुड़ती चली गईं।
डकैती के बाद मजदूरों पर गया था सबसे पहले शक
डाक्टर दंपती इस साल जून में सेक्टर दो में अपने मकान में शिफ्ट हुए थे। इससे पहले वह दूसरी जगह करीब डेढ़ साल तक किराए पर मकान लेकर रहे थे। डेढ़ साल के दौरान मकान में प्लंबर, टाइल्स, पेंटर, कारपेंटर, बिजली मिस्त्री के अलावा राजमिस्त्री और मजदूरों ने काम किया था। इसके अलावा घर में काम करने वाली भी आती हैं, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी कर्मचारी काम करते हैं। पुलिस शक के दायरे में आए इन सभी लोगों की सूची तैयार की थी। जिनसे एक-एक करके पूछताछ की गई। घर के बाहर कार के पास पहरेदारी करने वाले मजदूर की पहचान भी इसी दौरान हुई। उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस की टीमें शहर में कई जगह दबिश दे रही थीं।
बंधक बनाने में प्रयोग किया था पैकिंग करने वाला टेप
डाक्टर जसवंत राय उनकी पत्नी डाक्टर सुनीता सागर और छोटे भाई की पत्नी सीमा सागर को बंधक बनाने के लिए बदमाशों ने पैकिंग में काम करने वाले टेप का प्रयाेग किया था। बदमाश इस टेप को अपने साथ लेकर आते थे। इस टेप का प्रयोग सामान शिफ्ट करने वाली कंपनियां पैकिंग के लिए करती हैं। इसकी ग्रिप अच्छी होने के चलते आसानी से नहीं खुलता है।