Nagar Nigam: आगरा में सड़कें बदहाल, नगर निगम में नाम चमकाने को शिलापटि्टकाओं पर खर्च किए दो करोड़
जीएसटी सहित एक पत्थर की खरीद में आता है 11200 रुपये का खर्च। लोकार्पण और शिलान्यास में लगता है पत्थर। पांच साल पूर्व पांच हजार रुपये में लगती थी शिलापट्टिका। शहर में सड़कें व गलियां बदहाल पड़ी हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर में रोड और गलियां भले ही जख्मी हों, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने साढ़े तीन साल में नाम चमकाने को शिलापट्टिकाओं में दो करोड़ रुपये खर्च किए हैं। लोकार्पण और शिलान्यास में जीएसटी सहित एक पत्थर पर 11200 रुपये का खर्च आता आता है। पांच साल पूर्व शिलापट्टिका पांच हजार रुपये में आती थी।
65 करोड़ रुपये से होते हैं विकास कार्य
नगर निगम में हर साल 60 से 65 करोड़ रुपये से विकास कार्य होते हैं। सौ वार्डों में 1600 किमी लंबी रोड है। आमतौर पर एक अप्रैल से 31 मार्च तक वित्तीय साल होता है। एक वित्तीय साल में एक हजार के आसपास फाइलें तैयार होती हैं। इसमें 15 से 25 फाइलों में शिलान्यास और लोकार्पण अलग-अलग होता है।
स्थानीय स्तर पर होती है पत्थर की खरीद
पत्थर की खरीद स्थानीय स्तर पर होती है। यह 3500 से चार हजार रुपये में मिल जाता है। भाड़े में 500 और पत्थर लगाने में दो हजार रुपये खर्च होते हैं। बाकी पैसा कार्यक्रम में खर्च किया जाता है।
फाइल में किया जाता है अंकित
लोकार्पण और शिलान्यास की शिलापट्टिका में खर्च हुए पैसे का विवरण फाइल में अंकित किया जाता है।
शहर की रोड व गलियां बनाते
घटिया आजम खां से पार्षद शिराेमणि सिंह ने कहा कि पत्थरों में जितना पैसा खर्च किया गया है, अगर उससे शहर की रोड और गलियां बन जातीं तो कहीं अच्छा था। इससे शहर का विकास और भी तेजी से होता।
काम तो पूरा हो
नगला बूढ़ी से पार्षद फौरन सिंह ने कहा कि शिलापटि्टका लगने के बाद काम पूरा होना चाहिए। रोड की मरम्मत या फिर निर्माण होना चाहिए।
विकास में लगे पैसा
फ्रीगंज से पार्षद मनोज सोनी ने कहा कि शिलापटि्टकाओं पर इतना पैसा खर्च नहीं करना चाहिए। यह पैसा विकास कार्यों में लगाना चाहिए।
जनता को मिलती है जानकारी
मेयर नवीन जैन ने बताया कि कुछ ही कार्यक्रमों में शिलापट्टिका लगती है। इससे जनता को कार्य की जानकारी हो जाती है।