Ambedkar University Agra: 26 जून तक जमा करनी है अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ मामले में रिपोर्ट, पढ़ें क्या है आंबेडकर विवि का ये चर्चित मामला
Ambedkar University Agra इसी साल फरवरी में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिए थे आदेश। चार सदस्यीय समिति कर रही है जांच। कमेटी 1084 ऐसे अभ्यर्थियों की जांच कर रही है जिन पर अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ का आरोप है।
आगरा, जागरण संवाददाता। इसी साल फरवरी में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के बीएड फर्जी डिग्री मामले का जिन्न बोतल से फिर बाहर आ गया था। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को अंकतालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले अभ्यर्थियों की जांच के लिए चार महीने का समय दिया था। ये समय सीमा कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खिंचती गई। अब विश्वविद्यालय को 26 जून तक रिपोर्ट जमा करनी है।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शुक्रवार को वर्ष 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 2823 सहायक अध्यापकों के अंकपत्र, डिग्री, नियुक्ति रद करने व बर्खास्तगी को सही मानते हुए हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। इन आरोपितों ने अपना पक्ष ही नहीं रखा था। बीएसए ने इन्हें बर्खास्त कर दिया था। कोर्ट ने अंकपत्र से छेड़छाड़ के आरोपी और फर्जी डिग्री पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने वाले 812 सहायक अध्यापकों को जांच पूरी होने तक बर्खास्तगी को स्थगित रखने के भी आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद विश्वविद्यालय में चार सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दे दिए थे। कमेटी 1084 ऐसे अभ्यर्थियों की जांच कर रही है, जिन पर अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ का आरोप है। कोरोना के कारण जांच में ढिलाई हुई। कोर्ट ने दोबारा निर्देश दिए और 26 जून तक विश्वविद्यालय को रिपोर्ट जमा करने को कहा है।