सामान्य मुकदमों में जमानतनामों के सत्यापन के बिना हो सकेगी रिहाई
जिला जज के साथ विभिन्न बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की बैठक
आगरा, जागरण संवाददाता । सामान्य मामलों में अब बिना जमानतनामों के सत्यापन के आरोपित की रिहाई हो सकेगी। इसे लेकर सोमवार को दीवानी परिसर में विभिन्न बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव के साथ बैठक हुई। बैठक में अधिवकताओं ने जिला जज को अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया।
जिला जज से ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अदालत से जमानत स्वीकृत होने के बाद जमानतनामों का सत्यापन कराया जाता है। इसके बाद आरोपित की रिहाई का आदेश भेजा जा रहा है। आरटीओ व तहसील में स्टाफ की कमी के चलते जमानतियों के सत्यापन में समय लग रहा है। इससे आरोपितों की जेल से रिहाई में समय लग रहा है।
आगरा बार एसोसिएशन के सचिव राम प्रकाश शर्मा के अनुसार जिला जज ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बंदियों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई हो रही है। इसके बावजूद अधिवक्ता दीवानी में आ रहे हैं, जबकि अधिवक्ताओं को अदालत में आने की आवश्यकता नहीं है। जिला जज ने कहा कि गंभीर मामलों को छोड़कर बाकी सभी में जमानतनामों को सशर्त स्वीकार करते हुए आरोपितों की अविलंब रिहाई के आदेश भेजे जाएंगे। कोविड अस्पताल में अधिवक्ताओं के लिए 20 बेड आरक्षित
सिकंदरा के सींगना में 300 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसमें 20 बेड अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव ने बार एसोसिएशनों को यह जानकारी दी। कोरोना संक्रमित अधिवक्ता नोडल अधिकारी लोकेश नागर या अपने पहचान पत्र की मदद से अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं। जिला जज के साथ बैठक में दुर्ग विजय सिंह भैया, राम प्रकाश शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, सत्य प्रकाश सिंह, दिनेश चंद्र शर्मा व ओमवीर सिंह चाहर आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।