Agra Airport: आगरा से नियमित उड़ानें, अब तो पूरा कर दीजिए सिविल टर्मिनल प्रोजेक्ट
सिविल सोसायटी ने धनौली एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पूरा कराने की उठाई मांग। सोसायटी ने हवाई जहाजों पर भरे जाने वाले ईंधन की भी जानकारी दी। हेलीपोर्ट से होने वाले फायदे और नुकसान पर हुई चर्चा। सोसायटी मानती है कि हेलीपोर्ट के बनने से टूरिस्ट ट्रैफिक और पर्यटकों का रात्रि प्रवास बढ़ेगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। सिविल सोसायटी ने धनौली एयरपोर्ट (सिविल एंक्लेव) प्रोजेक्ट को पूरा कराने की मांग की है। बैठक में सदस्यों ने हेलीपोर्ट बनने से होने वाले नुकसान और फायदों पर भी चर्चा की।
शिरोमणि सिंह ने कहा कि सिविल सोसायटी आफ आगरा ताजनगरी में हेलीपोर्ट बनाए जाने के प्रयासों को अंतिम चरण में पहुंचाने के लिए प्रशासन की दक्षता का परिचायक मानती है। सोसायटी मानती है कि हेलीपोर्ट के बनने से टूरिस्ट ट्रैफिक और पर्यटकों का रात्रि प्रवास बढ़ेगा। यह कितना अनुकूल या प्रतिकूल और दीर्घकाल में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जाने के बाद किस प्रकार का होगा इसका आंकलन टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री पर छोड़ती है। राजीव सक्सेना ने कहा कि शहरवासियों की सहज जरूरत पूरा करवाने को धनौली एयरपोर्ट (सिविल एन्क्लेव) प्रोजेक्ट को पूरा करवाये जाने में क्या दिक्कत है।
हेलीपोर्ट एक दम नया ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, वहीं सिविल एन्क्लेव को धनौली शिफ्ट किया जाना विशुद्ध रूप से संचालित एयरपोर्ट का शिफ्टिंग प्रोजेक्ट है। अनिल शर्मा ने कहा कि हवाई जहाजों में एयर टबाईन फ्यूल का इस्तेमाल होता है, जो अत्यंत न्यून प्रदूषणकारी होता है। मिट्टी के तेल के शोधन से इसे तैयार किया जाता है।
आगरा में टेकआफ करते ही हवाई जहाजों का एलीवेशन 35000 फुट होता है और इस ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही वे बादलों की ऊंचाई से भी ऊपर होते हैं। फिलहाल हैलीपोर्ट बन कर तैयार होने को है, 2022 तक इससे उड़ान कार्य शुरू हो जाएगा।