CGST: 30 से 45 दिन में हो रहा रिफंड आवेदनों का निस्तारण
केंद्रीय जीएसटी आयुक्त लल्लन कुमार ने आइसीएआइ की होटल हाली-डे-इन में सेमिनार में कहा। 2029 तक विभाग पूरी तरह हो जाएगा डिजिटलाइज्ड। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) रिफंड वर्तमान में आॅनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत निस्तारित किए जा रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) रिफंड वर्तमान में आॅनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत निस्तारित किए जा रहे हैं। विभाग 30 से 45 दिनों में रिफंड प्रक्रिया की जांच कर उसका निस्तारण कर रहा है। यह बात केंद्रीय जीएसटी आयुक्त लल्लन कुमार ने द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) की आगरा शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार में कही।
होटल होली-डे-इन में हुई सेमिनार में उन्होंने कहा कि ऐसे सेमिनार से विभाग को दूसरे पक्ष को भी सुनने का मौका मिलता है। विभाग अपनी सारी गतिविधियां आॅनलाइन करने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। उम्मीद है कि वर्ष 2029 तक विभाग पूरी तरह डिजिटलाइज्ड हो जाएगा। विभाग का उद्देश्य जनजागरण अभियान चलाकर जीरो रिटर्न फाइलिंग थ्रू एसएमएस योजना को जन-जन तक पहुंचाना है। इससे पूर्व सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि व सीजीएसटी आयुक्त लल्लन कुमार, वक्ता ब्रजेश वर्मा, शाखा अध्यक्ष आशीष जैन, गौरव बंसल, सचिव दीपिका मित्तल, सौरभ नारायण सक्सेना, आगरा सिकासा अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, शरद पालीवाल ने किया। संचालन शौर्या गोयल, रीवा गोयल, भावना जैन व यश्मी बंसल ने किया। अनुज गोयल, अभिषेक पांडेय, एससी जैन, उमेश गर्ग, प्रमोद सिंह चौहान, अंकित अग्रवाल, मधुर माहेश्वरी, संदीप कपूर, भावना कुमारी, प्रियंका अग्रवाल, पंकज मिश्रा, नितिन सिंह, निर्भय मित्तल आदि मौजूद रहे।
माल और सेवाओं पर लगेगा जीएसटी
सेमिनार के प्रथम सत्र में वक्ता एडवोकेट ब्रजेश वर्मा ने रियल एस्टेट लेन-देन पर लगने वाले जीएसटी पर बताया कि पंजीकृत खरीदार से इनपुट और इनपुट सेवाओं का 80 फीसद खरीद की शर्त है, लेकिन कैपिटल गुड्स और सीमेंट में खरीद 100 फीसद तक करनी होगी। जीएसटी एक ऐसा टैक्स है, जो लगभग हर वस्तु पर लागू है और जीएसटी माल, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर लगता है। ताजा निर्माण के लिए कराधान की नई योजना वैकल्पिक नहीं है। कर का भुगतान करने के लिए केवल कैश लेजर का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने रियल एस्टेट में आए जीएसटी के नए प्रावधानों को विस्तार से समझाया।
नहीं लगेगी ब्याज
द्वितीय सत्र में वक्ता सीए जतिन हरजाई ने जीएसटी में नवीनतम संशोधन और महत्वपूर्ण मुद्दे के विषय पर बताया कि एक जुलाई, 2017 से आठ अक्टूबर, 2019 तक किसी भी आइटीसी को वह मना नहीं कर सकते थे कि वह फार्म टूए में दिखाई नहीं दे रहा है। आइटीसी कम हो तो उस पर ब्याज और देरी से जमा करने पर ब्याज जोड़ने का जीएसटी एक्ट में कोई प्रविधान नहीं है, इसलिए विभाग कोई ब्याज नहीं लगा सकता।