Family Counselling: पांच दिन में 55 जोड़ों के बीच सुलह, ये सात कारण बने कलह की वजह

Family Counselling जरा-जरा सी बात पर पति और पत्नी के बीच हो गई थीं गलतफहमी। काउंसलर और पुलिस ने दोनों को आमने-सामने बैठा दूर की शिकायत। काउंसिलिंग में 55 पति-पत्नी के बीच रार के सात प्रमुख कारण सामने आए।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 04:10 PM (IST)
Family Counselling: पांच दिन में 55 जोड़ों के बीच सुलह, ये सात कारण बने कलह की वजह
काउंसलर और पुलिस ने दोनों को आमने-सामने बैठा दूर की शिकायत।

आगरा, अली अब्बास। केस एक: एत्माद्दौला के रहने वाले पति-पत्नी के बीच मोबाइल गलतफहमी का कारण बन गया। मार्केटिंग कंपनी में काम करने वाला पति घर में आने के बाद भी मोबाइल पर व्यस्त रहता था। पत्नी को शक हो गया कि पति के किसी और महिला से संबंध हैं। इसे लेकर पति से पूछताछ शुरू कर दी। पति को लगा कि पत्नी उसकी व्यवसायिक जिंदगी में दखल दे रही है। उनमें रार शुरू हो गई, पत्नी पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस ने पति-पत्नी को बुलाकर आमने-सामने बैठाया। उनकी समस्या सुनने के बाद पति से कहा कि वह घर लौटने के बाद पत्नी को समय दे। वहीं पत्नी को समझाया कि सिर्फ शक के चलते वह अपनी गृहस्थी को बिगाड़ रही है।

केस दो: छत्ता इलाके की रहने वाली विवाहिता अपनी सास और जेठ से परेशान थी। सास उसे बात-बात पर ताना देनी थी।वहीं,जेठ दरवाजे पर दस्तक दिए कमरें आ जाता था। इसे लेकर विवाहिता ने एतराज कियास, पति से भी शिकायत की। पति ने उसके एतराज पर ध्यान नहीं दिया तो मामला तूल पकड़ गया। विवाहिता ने महिला थाने में शिकायत कर दी। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। काउंसलर ने दंपती के साथ ही सास और जेठ को बुलाया। जेठ को उसकी गलती का अहसास कराया, उसके माफी मांगने के बाद विवाहिता पति के साथ घर लौट गई।

55 पति-पत्नी में रार सात प्रमुख कारण

काउंसिलिंग में 55 पति-पत्नी के बीच रार के सात प्रमुख कारण सामने आए, जिन्हें दूर करके उन्हें दोबारा बेहतर जिंदगी जीने के लिए प्रेरित किया गया।

-सास बात-बात पर ताना देती है, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती है।

-पति महीने का खर्च नहीं देता है, इससे घर और बच्चों का खर्च चलाने में दिक्कत आती है। मांगने पर मारपीट करता है।

-पति घर पर आने के बाद भी अधिकांश समय मोबाइल पर व्यस्त रहता है। पत्नी कोई काम बताती है तो घर से निकलने के बाद भूल जाता है।

-पत्नी मोबाइल पर दिन भर मायके वालों से बात करती रहती है, कुछ कहने पर झगड़ा करने पर आमादा हो जाती है।

-पत्नी की मां उनके गृहस्थ जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप करती रहती है। पत्नी अधिकांश फैसले मां से पूछकर करती है। जबकि अपनी सास की बात को तवज्जो नहीं देती।

-पत्नी ससुराल वालों से अलग होकर रहना चाहती है। पति पर अलग से मकान लेकर रहने का दबाव बनाती है। जबकि सीमित आय में यह संभव नहीं है।

-पति और पत्नी दोनों ही एक दूसरे पर शक करते हैं, पत्नी को लगता है कि पति किसी और महिला से संबंध हैं। वहीं पति को लगता है कि पत्नी की किसी से दोस्ती है।

55 जोड़ों की गृहस्थी को बसाने वाली टीम

इंस्पेक्टर कमर सुल्ताना, एसआइ प्रदीप कुमार, महिला आरक्षी गौरी मिश्रा, रश्मि यादव, जागृति यादव, विनीता सिंह एवं काउंसलर डाक्टर अमित गौड़ व नाजिया खान।

पति-पत्नी के बीच मामूली बातों को लेकर गलतफहमी हो गई थीं। पुलिस और काउंसलर ने उन्हें बुलाकर आमने-सामने बैठाकर बातचीत की। काउंसिलिंग के बाद उनके बीच की गलतफहमी दूर होने पर उनमें सुलह हो गई।

इंस्पेक्टर कमर सुल्ताना प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र 

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