Gram Panchayat Chunav: आगरा में चुनाव ड्यूटी एक, कटवाने के बहाने अनेक, आप भी पढ़ें कैसे− कैसे लगाई जा रही जुगाड़

Gram Panchayat Chunav कोई बना रहा हाई ब्लडप्रेशर का बहाना तो किसी ने रिश्तेदार किए बीमार। कटवाने के लिए कुछ ने पहले ही किया छुट्टी का आवेदन तो कई लगवा रहे हैं जुगाड़। 15 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए ड्यूटी आवंटन हो चुका है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 09:36 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 09:36 AM (IST)
Gram Panchayat Chunav: आगरा में चुनाव ड्यूटी एक, कटवाने के बहाने अनेक, आप भी पढ़ें कैसे− कैसे लगाई जा रही जुगाड़
15 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए ड्यूटी आवंटन हो चुका है।

आगरा, जागरण संवाददाता। साहब मेरे स्वजन बीमार है, घर में देखभाल करने वाला कोई नहीं, इसलिए मैं 15 अप्रैल को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतदान में ड्यूटी नहीं दे पाऊंगा। साहब अभी कोरोना से ठीक हुआ हूं, कमजोरी अधिक है, इस बार ड्यूटी दी, तो दोबारा बीमार पड़ने की आशंका है। आजकल ऐसे ही तमाम बहाने हैं तो चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी रोजाना बना रहे हैं।

15 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए ड्यूटी आवंटन हो चुका है और ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है। लेकिन तमाम शिक्षक व कर्मचारी अपनी चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए तमाम तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं। किसी ने खुद को बीमार बताया है, तो किसी ने खुद को परिवार का एकमात्र सहारा, किसी ने बुजुर्ग स्वजन की देखभाल का बहाना बनाया है, तो किसी ने बच्चे छोटे होने का। कुछ कार्मिक पति-पत्नी भी अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए जुगाड़ में लगे हैं।

किया सीसीएल के लिए आवेदन

पंचायत चुनाव की सुबगुबाहट से ही तमाम शिक्षकों ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी थी। तमाम महिला शिक्षकों ने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) के लिए आवेदन किया था, तो पुरुष शिक्षकों ने खुद की बीमारी को कारण बताते हुए छुट्टी मांगी थी। हालांकि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने अपने स्तर से सीसीएल या अन्य किसी भी प्रकार की छुट्टी पर तत्काल रोक लगा दी है।

सुबह से शाम तक लगा रहे जुगाड़

पंचायत चुनाव की ड्यूटी का खौफ इतना है कि आजकल राज्य कर्मचारी अपना काम छोड़कर सुबह से शाम तक सिर्फ और सिर्फ ड्यूटी कटाने के एक सूत्रीय कार्यक्रम में जुटे हुए हैं। इसके लिए वह विभाग से लेकर कलक्ट्रेट और मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के साथ पत्रकारों, माननीयों व अधिकारियों के साथ अपने पहुंच वाले साथियों को टटोल रहे हैं। कुछ को चुनावी ड्यूटी से इतना डर है कि वह खर्चा करने से भी पीछे नहीं हट रहे।

ड्यूटी कटे, चाहे सच से या झूठ से

हालांकि ऐसा नहीं है कि छुट्टी के लिए आवेदन करने वाले सभी शिक्षक झूठ बोल रहे हैं, कुछ तो वाकई बेहद परेशान हैं और उनकी स्थिति चुनाव ड्यूटी देने की नहीं है, लेकिन इनमें बड़ी संख्या उन शिक्षकों और कर्मचारियों की है, जिन्होंने कभी भी चुनावी ड्यूटी नहीं दी और इस बार भी नाम कटवाने की जुगत में लगे रहे। शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों के लिए इस बार भी अपनी ड्यूटी से नाम कटवाना प्रतिष्ठा का विषय है। 

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