Jail in Agra: आगरा की जेलों में गायों से बंदियों का अनोखा रिश्ता

Jail in Agra जिला जेल की गोशाला में हैं 160 गाय। बंदियों ने हर गाय का कर रखा है नामकरण। जेल की डेयरी में होता है 70 से 80 लीटर दूध रोज। सेंट्रल जेल में भी 89 गोवंश हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 03:32 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 03:32 PM (IST)
Jail in Agra: आगरा की जेलों में गायों से बंदियों का अनोखा रिश्ता
आगरा के केंद्रीय कारागार में गौशाला बनी हुइ हैं।

आगरा, अली अब्बास। दुनिया में जितने वतन हैं, उतनी ही जुबां भी बोली जाती हैं। मगर, प्यार की बस एक ही जुबां होती है। इसे सभी जानते और समझते हैं। फिर चाहे वह पशु हो या इंसान। जेलों की गोशाला में रहने वाली गाय भी प्यार की इस भाषा को समझती हैं। जिला और सेंट्रल जेल की गायों से बंदियों का अनोखा रिश्ता है। हर गाय को इन बंदियों ने नाम दे रखा है। बंदियों और गायों के बीच आत्मीयता इतनी है कि बंदी के नाम लेते ही वह उनके पास दौड़ी चली आती हैं।

जिला जेल की गोशाला में इस समय 160 गाय हैं। जबकि दो दर्जन से ज्यादा नंदी हैं। इन गायों की सेवा के लिए 20 से 25 बंदियों को रखा गया है। जो कि पूरे तन-मन से इन गायों की सेवा करते हैं। इन बंदियों ने गायों के नाम जैसे सोनिया, सोनम, रूपा, छोटी, लाली, सफेदी, मोहनी, काजल, बिंदिया आदि रखे हुए हैं। बंदी गायों को उनके नाम से पुकराते हैं। इसके चलते गाय भी नाम पहचानती हैं। बंदियों के पुकराते ही वह उनके पास दौड़कर आ जाती हैं।

जिला जेल की गोशाला डेयरी में 70 से 80 लीटर दूध का रोज उत्पादन होता है। यह दूध जेल में चाय आदि बनाने में काम आता है।

वहीं सेंट्रल जेल में भी 89 गोवंश हैं। इनकी सेवा के लिए जेल प्रशास ने दो दर्जन से ज्यादा बंदियों को रखा है। यहां भी बंदियों ने हर गोवंश को नाम दिया हुआ है। वह अपने परिवार के सदस्य की तरह उनकी देखभाल करते हैं।

गायों से आत्मीयता की ये भी है वजह

जेलों की गोशाला में बंदियों की गायों से आत्मीयता की एक वजह उनका अकेलापन भी है। गो सेवा से उनको धार्मिक और आत्मिक संतुष्टि मिलती है। बंदी इसलिए भी गायों की तन-मन से सेवा करते हैं।

जिला जेल में वर्तमान में 160 गाय हैं। इन गायों की 20 से 25 बंदियों द्वारा सेवा की जाती है। गोशाला की डेयरी में प्रतिदिन 70 से 80 लीटर दूध प्रतिदिन होता है। इसे जेल में बनने वाली चाय आदि में प्रयोग किया जाता है।

शशिकांत मिश्रा जिला जेल अधीक्षक  

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