Home Isolation: अगर होम आइसोलेशन में हैं तो भूलकर भी न करें ये गलतियां, पढ़ें जरूरी सलाह

Home Isolation मथुरा जिले में ढाई हजार से अधिक मरीज हैं होम आइसोलेट। बंद कमरे के बजाए मास्क लगाकर रहें मरीज छह से आठ घंटे में बदलें मास्क। दिन में दो बार आक्सीजन व बुखार की जांच करें। थर्मामीटर से तापमान लें यह 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा न हो।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:38 PM (IST)
Home Isolation: अगर होम आइसोलेशन में हैं तो भूलकर भी न करें ये गलतियां, पढ़ें जरूरी सलाह
सीएमओ मथुरा ने दिए होम आइसोलेश के लिए महत्वपूर्ण टिप्स। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जेएनएन। मथुरा जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की वजह से कोविड अस्पतालों में बेड फुल चल रहे हैं। जिसकी वजह से अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। लेकिन लोगों को जानकारी का अभाव होने की वजह से वह घर के अंदर बंद कमरे में खुद को रख रहे हैं, जबकि जिस कमरे में संक्रमित मरीज को दो सप्ताह तक रुकना है, वह कमरा हवादार होना चाहिए। उसमें खिड़की होनी चाहिए। जिससे हवा का आदान-प्रदान होता रहे।

मथुरा सीएमओ डा. रचना गुप्ता ने बताया कि जिले में तीन हजार से अधिक एक्टिव केस हैं। इनमें से करीब ढाई हजार मरीज होम आइसोलेट हैं। इन सभी मरीजों को कोविड कंट्रोल रूम का नंबर मुहैया कराया जा रहा है, जिससे किसी को कोई परेशानी होती है तो वह तत्काल प्रभाव से फोन पर शिकायत दर्ज करा सके। वैसे तो हमारे ही कर्मचारी लगातार संपर्क में रहते हैं, लेकिन देखने में आ रहा है कि संक्रमित मरीज घर के सबसे अंदर वाले कमरे में खुद को बंद कर लेता है,जबकि ऐसा नहीं करना है। जिस कमरे में संक्रमित मरीज रह रहा है, वह हवादार होना चाहिए। हां, यह जरूरी है कि मरीज ट्रिपल लेयर मास्क पहनें, जिसे छह से आठ घंटे में बदल दें। जिसे करीब 72 घंटे तक पेपर बैग में लपेटकर रखें। इसके बाद सामान्य कचरा पात्र में डाल सकते हैं। साबुन-पानी से 40 सेकंड तक हाथ धोएं। 70 फीसद एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग करें। अपने कपड़े स्वजन से अलग रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी, ताजा जूस या सूप जैसे तरल पदार्थ पिएं।

इस तरह करें अपना परीक्षण

सीएमओ ने बताया कि दिन में दो बार आक्सीजन व बुखार की जांच करें। थर्मामीटर से तापमान लें, यह 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा न हो। पल्स या नब्ज एक मिनट तक जांचें। इसके लिए तर्जनी व मध्यमा अंगुलियों को कलाई पर रखें। ध्यान से गिनें, एक मिनट में कितनी धड़कनें महसूस कर रहे हैं। श्वसन दर 15 प्रति मिनट से ज्यादा न हो। आक्सीजन स्तर 94 फीसद से कम नहीं होना चाहिए। अगर किसी को शुगर, बीपी की परेशानी है तो वह अपना इलाज जारी रखें। डाक्टर से परामर्श करते हुए दवाइयां लें।

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