Vaishno Devi Temple: सुहागनगरी के वैष्णो माता के धाम में गरीब बेटियों का कन्यादान, पढ़ें सेवा बनी यहां कैसे परंपरा
Vaishno Devi Temple महिला मंडल हर देवाेत्थान एकादशी पर करता है गरीब कन्या का विवाह। विवाह के दिन का श्रद्धालु भी देते हैं विदाई के साथ दिया जाता है उपहार में। महिला मंडल विवाह समारोह के लिए अन्य किसी से कोई सहयोग नहीं लेता।
आगरा, जेएनएन। सुहागनगरी फीरोजाबाद में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना माता वैष्णोदेवी धाम में बेटियों के जीवन में खुशियां लाता है। हर साल देवोत्थान एकादशी पर गरीब बेटियों की धूमधाम से बरात आती है। मंडप सजता है और महिला मंडल की सदस्याएं बेटी की विदाई करके उपहार भी देती हैं। पिछले दस साल में अब तक 21 बेटियों का विवाह कराया जा चुका है। खास यह है कि महिला मंडल विवाह समारोह के लिए अन्य किसी से कोई सहयोग नहीं लेता।
वर्ष 2010 में शुरू हुए वैष्णोदेवी धाम में महिला मंडल का गठन किया गया। जलेसर रोड निवासी पूनम सिंह मंडल की अध्यक्ष बनीं और इसके बाद गरीब बेटियों की शादी के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। 2011 में पहले साल एक बेटी की शादी कराई गई। 2019 में पांच बेटियों की शादी कराई गई थी, मगर 2020 में कोरोना की पाबंदियों के चलते आयोजन नहीं हो सका था।
आवेदन पर होता है सत्यापन
महिला मंडल अध्यक्ष पूनम सिंह बताती है कि इस सेवा का लाभ असली हकदार को मिले, इसके लिए शादी के लिए चयन प्रक्रिया तय की है। गरीब परिवार बेटी की शादी के लिए परिवार वाले आवेदन करते हैं। उनसे एक शपथ पत्र लिया जाता है। इसके बाद संबंधित गांव के प्रधान या शहर की बेटी हो तो पार्षद से लिखित रिपोर्ट ली जाती है कि परिवार गरीब है और मदद की जरूरत है। इसके बाद वर पक्ष से सहमति ली जाती है। सारा खर्च महिला मंडल की 90 सदस्याएं उठाती हैं। बेटियों को माता वैष्णोदेवी का आशीर्वाद भी मिलता है।
दुल्हन के लहंगे से लेकर गृहस्थी का उपहार
शादी के लिए चयनित बेटी के लिए महिला मंडल लहंगा व अन्य कपड़े दिलवाता है। दिन में तय समय पर बरात आती है। बरात की दावत का इंतजाम भी महिला मंडल करता है। विवाह में होने वाले खर्च के अलावा मंडल की सदस्याएं अपनी तरफ से उपहार देती हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भी कन्यादान में शामिल होते हैं। इसमें जो उपहार और नकदी आती है वह शाम को बेटी को विदाई के वक्त दी जाती है।
ऐसे बना था उसायनी का वैष्णोदेवी धाम
आगरा-कानपुर हाईवे पर उसायनी गांव में चार बीघा में स्थापित वैष्णोदेवी धाम का शिलान्यास 2004 में हुआ था। शहर के देवी भक्त व ट्रस्ट के संस्थापक सुरेश कंहैयानी ने 2001 में हरिद्वार में लाल माता मंदिर(वैष्णो देवी धाम )के दर्शन करते वक्त परिकल्पना की थी। 2003 में दस ट्रस्टी बने और दो-दो लाख का सहयोग दिया। इसे बाद 14 मार्च 2004 को आगरा कमिश्नर ने नींव रखी। एक फरवरी 2010 को जम्मू वैष्णोदेवी धाम से ज्योति आई और 16 फरवरी से दर्शन शुरू हो गए। इस मंदिर में वैष्णोदेवी धाम कटरा जैसी गुफा बनी है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।