Migrant: बढ़ने लगा कोरोना का डर तो याद आने लगा घर, पढ़ें प्रवासी मजदूरों का आंखाें देखा हाल

Migrant रेल लाइव-प्राइवेट नौकरी ठेल लगाने वालों की तादाद ज्यादा। ट्रेनों में बढ़ गई हैं सवारी सता रही है घर की याद। कोरोना के बढ़ते खौफ से मुंबई से घर लौटने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए मुंबई से बिहार जाने को स्पेशल ट्रेन का संचालन।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:54 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:54 PM (IST)
Migrant: बढ़ने लगा कोरोना का डर तो याद आने लगा घर, पढ़ें प्रवासी मजदूरों का आंखाें देखा हाल
ट्रेनों में बढ़ गई हैं सवारी, सता रही है घर की याद।

आगरा, पुनीत रावत। कोरोना संक्रमण की रफ्तार देश भर में दहशत बन रही है। गांवों से रोजी रोटी कमाने के लिए दिल्ली, मुम्बई, गुजरात एवं राजस्थान गए प्रवासी एक बार फिर वापस लौटने लगे है। शहरों में शुरू हुआ नाइट कर्फ्यू और शनिवार-रविवार का लाकडाउन से पिछले साल की यादें ताजा कर रही हैं। इसके चलते अभी से बोरिया बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है। इसकी बानगी हैं ट्रेनों में बीते दिनों में बढ़ी सवारियों की संख्या।

वक्त- मंगलवार सुबह पौने 11 बजे। जोधपुर- हावड़ा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंचते ही यात्री उतरने लगे। ट्रेन में बैठे इस्लाम शेख दिल्ली से हावड़ा जा रहे थे। पूछने पर बताया कि दिल्ली में बीमारी फैल रही है। तबीयत खराब होने के डर से गांव जा रहे हैं, कम से कम वहां सुरक्षित तो रहेंगे।

कुछ यही कहना था उनके साथ बैठे रतन कुमार शर्मा का। हावड़ा निवासी रतन भी दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, वह भी बीमारी के डर से घर वापस लौट रहे थे। जयपुर से हावड़ा जा रहे बुंदेल भगत भी कोरोना को देख अपने घर जा रहे थे। पूछा तो बताया कि भाई कोरोना का डर है। दिल्ली में फास्ट फूड की ठेल लगाने वाले आजमगढ़ के अमित अपने परिवार के साथ में स्टेशन पर उतरे। पूछने पर कहते हैं कोरोना ने सब बर्बाद कर दिया। बीमारी तेजी से फैल रही है। ठेल पर बिक्री कम हो गई। लोग बाहर का खाने से बच रहे हैं, ऐसे में लाक डाउन लग जाता तो वहीं फंस जाते। पिछली बार तो राशन भी खत्म हो गया था। उधार लेकर किसी तरह से अपने गांव गए थे। बातचीत के दौरान ही 11 बजे एक और ट्रेन की सीटी बजती है। कालका मेल यहां पर पहुंचती है। सामान एवं परिवार के साथ बिहार जा रहे सच्चिदानंद पूछते हैं भई यहां पर रात का लाकडाउन है क्या? खुद ही बताने लगते हैं भाई दिल्ली में फैक्ट्री में आधे मजदूर बुलाने लगे हैं। लगता है फिर लाकडाउन लगेगा तो हम तो अभी ही अपने परिवार के साथ वापस लौट लिए।

दिल्ली में ठेल लगाने वाले अरमान परिवार के साथ गया जा रहे थे। अरमान कहते हैं पिछली बार फंस गए थे तो खाने के भी लाले पड़ गए थे। बड़ी मुश्किल से घर लौटे थे, इस बार भी वही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं ऐसे में हम तो कमरा भी खाली कर आए। जब माहौल बदलेगा, तब लौटेंगे। कुछ ऐसी ही कहानी बिहार निवासी सुनील सरकार एवं सतीश कुमार की थी। दोनों ही जोधपुर में काम करते थे। टूंडला स्टेशन पर उतरने व चढ़ने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही थी।

कुछ को बुला लाई गांव की सियासत

 दिल्ली से आजमगढ़ जा रहे धर्मेंद्र कहते हैं शहर में कोरोना का डर है और गांव में मतदान है। इसलिए वोट डालने जा रहे हैं। वहीं हिमाचल से लौट रहे इटावा के अनिरुद्ध कुमार कहते हैं गांव में प्रधानी का चुनाव है। वोट डालने आए हैं, तब तक दिल्ली का माहौल भी पता चल जाएगा। अगर सब कुछ सही रहा तो लौटेंगे, नहीं तो घर पर ही रहेंगे।

मुंबई से शुरु की गई है स्पेशल ट्रेन

कोरोना के बढ़ते खौफ से मुंबई से घर लौटने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए रेल मंत्रालय ने मुंबई से बिहार जाने को स्पेशल ट्रेन का संचालन किया है। जिससे हजारों यात्री समय से घर पहुंच सकें।

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