CoronaVirus in Agra: आगरा में बेतहाशा हुए संक्रमितों के पीछे कहीं एक कारण यह भी तो नहीं? जानिए सरकारी मदद का हाल

CoronaVirus in Agra कोविड पाजिटिव होने के बाद नहीं पहुंच रही है रैपिड रेस्पांस टीम न मिल रही हैं दवाएं। मरीज के घर के आसपास नहीं बनाए जा रहे हैं कंटेनमेंट जोन नहीं चिन्हित किए जा रहे हैं लोग।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 09:56 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:56 AM (IST)
CoronaVirus in Agra: आगरा में बेतहाशा हुए संक्रमितों के पीछे कहीं एक कारण यह भी तो नहीं? जानिए सरकारी मदद का हाल
कोरोना से संक्रमित हुए लोगों तक नहीं पहुंच रही सरकारी मदद।

आगरा, जागरण संवाददाता। भोगीपुरा शाहगंज निवासी एक युवती को 19 अप्रैल को कोविड की पुष्टि हुई। युवती ने खुद को होम आइसोलेट कर लिया लेकिन 48 घंटे के बाद अभी तक स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रेस्पांस टीम नहीं पहुंची है। न ही क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां तक खांसी, जुकाम और बुखार के लोगों को चिन्हित नहीं किया गया है। अभी तक घर और आसपास के क्षेत्र में सैनिटाइजेशन नहीं कराया गया है।

दयालबाग निवासी 35 वर्षीय एक व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। 18 अप्रैल को जिला अस्पताल में जांच कराई थी। स्वजन की मानें तो स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। न ही सैनिटाइजेशन कराया गया है। परिवार में दो लोगों को बुखार आ रहा है। दवा देने के लिए कोई नहीं आया है। निजी डाक्टर के परामर्श के आधार पर दवाएं ले रहे हैं। शहर में पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के यह सिर्फ दो उदाहरण नहीं हैं बल्कि ऐसे ढेरों केस हैं। मरीजों को कोविड की पुष्टि होने के तीन से पांच दिनों के बाद आजतक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। न ही नगर निगम की टीम ने सैनिटाइजेशन कराया है। यहां तक मरीज को कोविड कैसे हुआ, इसकी पड़ताल नहीं हुई। यह हाल तब है जब जिले में हर दिन पांच सौ से अधिक केस मिल रहे हैं। कोविड प्रोटोकाल को लेकर प्रदेश सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन किया जा रहा है। कमला नगर निवासी एक मरीज ने बताया कि दवा से लेकर सैनिटाइजेशन करने का कार्य स्वजन ने किया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के भरोसे काम नहीं चल सकता है।

यह है शासन की गाइड लाइन

- एक मरीज के पाजिटिव होने पर 25 मीटर यानी बीस घर और एक से अधिक होने पर 50 मीटर यानी 60 घरों को कंटेनमेंट जोन माना जाएगा।

- हर क्षेत्र में एक टीम लगाई जाएगी। यह टीम अपने क्षेत्र के घरों में सर्वे करेगी। - पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान की तर्ज पर कार्य किया जाएगा।

- क्षेत्र में कितने लोगों को खांसी, जुकाम, बुखार है। कहीं मरीज के संपर्क में तो नहीं आए हैं। यह जानकारी जुटाई जाएगी। मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर और लक्षणों का विवरण निर्धारित प्रपत्र पर अंकित किया जाएगा।

- कोविड मरीज और अन्य को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुफ्त में दवाएं दी जाएंगी। यह दवाएं जरूरत के हिसाब से मिलेंगी।

- प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर की तैनाती की जाएगी। अंतिम पाजिटिव केस के सैंपल कलेक्शन की तिथि से 14 दिन तक संबंधित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बना रहेगा।

- नियमित अंतराल में कंटेनमेंट जोन व उसके आसपास सैनिटाइजेशन कराया जाएगा।

बिना मास्क के नहीं मिलेगी शराब

जिले की 830 शराब की दुकानों में बिना मास्क के शराब नहीं मिलेगी। जिला आबकारी अधिकारी नीरेश पालिया का कहना है कि सभी ठेकेदारों को हिदायत दी गई है कि अगर शौकीन मास्क नहीं लगाए हैं तो शराब न दी जाए।

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