Ram Mandir Ayodhya: रामकाज को अयोध्या पहुंचे कृष्ण के साधक, जानिए क्या रही है मंदिर आंदोलन में भूमिका

Ram Mandir Ayodhya साध्वी ऋतंभरा महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जगद्गुरु राजेंद्रदास महाराज महंत फूलडोल बिहारीदास संत विजय कौशल पहुंचे अयोध्या।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:54 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 08:51 AM (IST)
Ram Mandir Ayodhya: रामकाज को अयोध्या पहुंचे कृष्ण के साधक, जानिए क्या रही है मंदिर आंदोलन में भूमिका
Ram Mandir Ayodhya: रामकाज को अयोध्या पहुंचे कृष्ण के साधक, जानिए क्या रही है मंदिर आंदोलन में भूमिका

आगरा, जेएनएन। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अब अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजेंगे। मंदिर निर्माण के लिए सदियों पहले शुरू हुए आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कृष्ण के साधक भी प्रफुल्लित हैं। राम मंदिर के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले संतों और कारसेवक भूमिपूजन के लिए मंगलवार सुबह ही अयोध्या के लिए रवाना हो गए। देर शाम वह ब्रजरज, गोचरण रज और यमुनाजल लेकर अयोध्या पहुंच गए। राम मंदिर नींव में ब्रज की रज भी महकेगी।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए देश से प्रमुख लोगों को ही बुलाया गया है। मथुरा में साध्वी ऋतंभरा, रामकथा वाचक संत विजय कौशल, जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्रदास महाराज, विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य महंत फूलडोल बिहारीदास,महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद के अलावा श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, मीडिया प्रभारी विजय बहादुर को भी अयोध्या आने के लिए निमंत्रण भेजा गया था। संत विजय कौशल सोमवार रात ही वृंदावन स्थित अपने आश्रम से अयोध्या के लिए रवाना हो गए। जबकि साध्वी ऋतंभरा वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम से यमुना जल, ब्रजरज लेकर रवाना हुईं। इससे पहले उन्होंने गोपूजन किया। वहीं गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी और विजय बहादुर अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान से गर्भगृह की रज और यमुना जल ले गए। स्वामी ज्ञाना नंद और राजेंद्र दास भी ब्रज रज अपने साथ ले गए।

साध्वी ऋतंभरा

राम मंदिर आंदोलन में अपने संबोधन के कारण फायरब्रांड नेत्री के रूप में उभरीं साध्वी ऋतंभरा उन नेताओं में शामिल थीं, राम मंदिर आंदोलन की कमान जिनके हाथों में थे। मंदिर आंदोलन के लिए जन-जागरण में उनकी महती भूमिका रही।

संत विजय कौशल

विश्व प्रसिद्ध रामकथा वाचक संत विजय कौशल ने भी राम मंदिर आंदोलन के दौरान जन जागरण किया। वृंदावन में रहने वाले संत विजय कौशल ने उस दौरान लोगों को जागरूक किया।

स्वामी ज्ञानानंद

वृंदावन स्थित परिक्रमा मार्ग कृष्ण कृपा धाम में रहने वाले महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद ने राम मंदिर आंदोलन में रणनीति कार के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाई।

स्वामी राजेंद्र दास

राजस्थान के जडख़ोर में जगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्रदास महाराज चातुर्मास व्रत कर रहे हैं। भागवत कथा वाचक राजेंद्र दास ने मंदिर आंदोलन को लेकर जनजागरण में अहम भूमिका निभाई थी।

फूलडोल बिहारी दास

विहिप केकेंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य महंत फूलडोल बिहारीदास ने मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे स्वामी वामदेव के साथ श्रीराम ज्योतियात्रा तथा वैष्णव संतों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आंदोलन के दौरान दो बार जेल यात्रा भी की।

गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी

विहिप से जुड़े रहे गोपेश्वर चतुर्वेदी मथुरा में मंदिर आंदोलन को धार दे रहे थे। इन्हें कारसेवा के दौरान मथुरा से ही गिरफ्तार कर लिया गया और सवा माह तक एटा जेल में बंद रहे।

विजय बहादुर

विवादित ढांचा ढहाए जाने के दौरान जिले में बजरंग दल संयोजक के रूप में काम कर रहे विजय बहादुर ने आंदोलन के लिए जन-जागरण का काम किया। राया से इन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार किया। 28 दिन तक एटा की जेल में बंद रहे। इनका अभी मुकदमा विचाराधीन है।  

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