Ram Mandir Ayodhya: आगरा की अगुवाई में धर्म संसद पहुंचा था राम मंदिर मॉडल
Ram Mandir Ayodhya दो दिन का सफर तय कर आगरा के बजरंगियों की सुरक्षा और अगवानी में मॉडल भरतपुर बॉर्डर से प्रयागराज पहुंचा था।
आगरा, अम्बुज उपाध्याय। रामलला को टाट की जगह ठाठ से भव्य राम मंदिर में विराजमान कराना था। इसके लिए विहिप ने वर्ष 2000 में इलाहाबाद (प्रयागराज) में धर्मसंसद का आह्वान किया था, जिसमें देशभर से संतों का समागम हुआ था। इस धर्मसंसद में राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल पर भी चर्चा होनी थी, जिसको जयपुर में तैयार कराया गया था। दो दिन का सफर तय कर आगरा के बजरंगियों की सुरक्षा और अगवानी में मॉडल भरतपुर बॉर्डर से प्रयागराज पहुंचा था।
मॉडल की अगवानी कर रहे तत्कालीन जिला संयोजक श्याम भदौरिया और महानगर संयोजक सुनील पाराशर ने बताया कि मॉडल पर आतंकी हमले की आशंका जताई गई थी। इसलिए संगठन के साथ ही प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। श्रीराम के मंदिर के थर्माकोल से बने मॉडल को भरतपुर बॉर्डर से रिसीव किया गया, जो ट्रक में रखा हुआ था। सुरक्षा के लिए फोर्स साथ चल रहा था, जिसे सभी जेड प्लस की सुरक्षा बता रहे थे। आधा दर्जन से अधिक गाडिय़ों का काफिला और एंबूलेंस भी साथ चल रहीं थीं। एंबेसडर कार में बजरंग दल के हम कार्यकर्ता सवार थे, जो अपनी आस्था को लेकर आगे चल दिए। मॉडल को नुकसान न पहुंचे इसलिए ट्रक 20 से 30 किलोमीटर की रफ्तार से ही पूरे रास्ते चला। वाहन चालकों को थकावट होने लगी थी, इसलिए सभी ने कानपुर में एक गोशाला में रात्रि विश्राम किया था। सुबह दैनिक क्रिया के बाद सभी पुन: चल पड़े थे। हर जिले के बॉर्डर पर रामभक्त और संगठन कार्यकर्ता मॉडल की आरती उतारने के लिए तैयार खड़े होते थे, तो स्थानीय प्रशासन व्यवस्थाओं में लगा होता था। आगरा, फीरोजाबाद, इटावा, कानुपर होते हुए इलाहाबाद पहुंचे थे, जहां संसद में भाजपा के नेता, विहिप पदाधिकारी और संत मौजूद थे, जिनको मॉडल सौंपने के बाद गर्व का अनुभव हो रहा था। आज वहीं मॉडल साकार रूप लेने जा रहा है, जिसे सोच के मन राममय और प्रफुल्लित हो जाता है।