राजवीर ने फिर संभाली पिता की विरासत, बनाई हुई है मतगणना में अब तक बढ़त

राजनैतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है एटा लोकसभा। दूसरी बार विजय हासिल करने की ओर राजवीर।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 06:44 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 06:44 PM (IST)
राजवीर ने फिर संभाली पिता की विरासत, बनाई हुई है मतगणना में अब तक बढ़त
राजवीर ने फिर संभाली पिता की विरासत, बनाई हुई है मतगणना में अब तक बढ़त

आगरा, जेएनएन। एटा लोकसभा सीट राजनैतिक दृष्टि से ही नहीं ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक कवि संत तुलसीदास एवं अमीर खुसरो की जन्म भूमि रही इस लोकसभा से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह रह चुके हैं। 2019 में दूसरी बार उनके पुत्र राजवीर सिंह ने विजय हासिल कर पिता की विरासत को संभाला है। 

1952 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और फिर 57-62 में हिंदू महासभा में जीत दर्ज कराई। 1967 और 59 का चुनाव कांग्रेस के पाले में गया। 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर के चलते भारतीय लोकदल का प्रत्याशी विजयी हुआ। 1980 में पुन: कांग्रेस का प्रत्याशी विजयी हुआ। यह कांग्रेस प्रत्याशी की इस लोकसभा में आखिरी जीत थी। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी यहां से नहीं जीता। 1989 से लेकर 1998 तक हुए चार लोकसभा चुनाव में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई। 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी का परचम लहराया।2009 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह ने सपा के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़े और इस सीट पर कब्जा किया। 2014 में कल्याण सिंह की भाजपा में फिर से वापसी हुई और उन्होंने अपनी इस सीट से पुत्र राजवीर सिंह को चुनाव लड़ाया। राजवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व सांसद देवेंद्र यादव को भारी मतों के अंतर से पराजित किया। इस बार मोदी लहर में राजवीर सिंह फिर एटा से सांसद चुने गए और पिता की विरासत को बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है। इस बार भी उनका मुकाबला महागठबंधन के प्रत्याशी पूर्व सांसद देवेंद्र यादव से रहा।

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