रेलवे ने मेहताब बाग क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण, टीम पर हुआ पथराव

कार्रवाई में 25-30 झुग्गी-झोंपड़ियां की ध्वस्त लोगों ने कार्रवाई का जताया विरोध पूर्व पार्षद का मकान छोड़ने पर लोगों ने उठाई उंगलियां

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:59 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:59 PM (IST)
रेलवे ने मेहताब बाग क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण, टीम पर हुआ पथराव
रेलवे ने मेहताब बाग क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण, टीम पर हुआ पथराव

आगरा, जागरण संवाददाता। एत्माद्दौला क्षेत्र के मेहताब बाग, मोती महल में रेलवे ने शनिवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, इस कार्रवाई में रेलवे ने अपनी जमीन पर बने अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस और रेलवे की टीम पर पथराव कर खूब हंगामा किया। हंगामे के बीच रेलवे ने करीब दस हजार वर्गमीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।

रेलवे अधिकारियों का कहना था कि यह अतिक्रमण मोती महल व मेहताब बाग मोड़ पर स्थित झुग्गी-झोपड़ियों के माध्यम से किया गया था। रेलवे की जमीन को कब्जा कर झुग्गी-झोंपड़ी बनाने पर रेलवे ने उन्हें नोटिस भी जारी किया। इसके बाद शनिवार सुबह करीब 10 बजे रेलवे के अधिकारी थाना एत्माद्दौला पुलिस के साथ महाबली लेकर महताब बाग मार्ग पर पहुंचे और करीब 25 से 30 झुग्गी-झोपड़ियां बनाकर कब्जाई गई रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराया।

अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस और रेलवे की टीम को क्षेत्रीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। कार्रवाई के दौरान बस्ती के कुछ लोगों ने टीम पर पथराव शुरू कर दिया, जिस कारण कार्रवाई में थोड़ी देर के लिए रुकावट आई। लेकिन पुलिस ने लाठियां फटकार कर हंगामा कर रहे लोगों को खदेड़ा और रेलवे की टीम महाबली लेकर जब चली गई।

पार्षद के घर को लेकर हुआ विरोध : क्षेत्रीय लोग रेलवे की इस कार्रवाई से काफी नाराज दिखे। उनका आरोप था कि रेलवे ने हमारे घरों को तो हटा दिया लेकिन वहां बने पक्के भवन, जिनमें क्षेत्रीय पार्षद के मकान का कुछ हिस्सा भी शामिल है, उसे नहीं गिराया गया। टीम ने बौद्ध विहार मंदिर सहित मस्जिद व तीन शौचालय के नाम पर किया अतिक्रमण भी हटाया।

पूर्व विधायक ने की कार्रवाई की निदा : रेलवे की कार्रवाई की सूचना पर पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने रेलवे की कार्रवाई की निदा की और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए उनके हित की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। साथ ही जिन लोगों के घरों को कार्रवाई में ध्वस्त किया गया है, उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भवन दिलाने की मांग की जाएगी।

आशियाने ढहते देख निकले आंसू : रेलवे ने यहां बनी 25 से 30 झुग्गी-झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया। अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने उजड़ते देख लोग रोते-बिलखते नजर आए। उनका कहना था कि कोरोना काल में उन पर आफत टूट पड़ी है। पुरातात्विक इमारतें बंद होने और पर्यटकों के न आने से उनका हंटर बनाने का पैतृक काम भी ठप पड़ा है। इन दिनों वे दाने-दाने को मोहताज हैं। मजबूरी में कुछ लोग भीख मांगकर गुजर-बसर कर रहे हैं। लेकिन शनिवार को हुई कार्रवाई के बाद उनके आशियाने भी उजड़ गए।

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