सड़क निर्माण की मांग को लेकर फिर भू-समाधि लेने की कोशिश

सिरौली रोड की बदहाली दूर करने की मांग को लेकर 57 दिन से चल रहा धरना पांच फीट गहरे गड्ढे में बैठा ग्रामीण चार घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकलवाया गया जेसीबी से नाले की खोदाई का काम शुरू

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:05 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:05 AM (IST)
सड़क निर्माण की मांग को लेकर फिर भू-समाधि लेने की कोशिश
सड़क निर्माण की मांग को लेकर फिर भू-समाधि लेने की कोशिश

जागरण टीम, आगरा। मलपुरा के धनौली स्थित सिरौली रोड की बदहाली दूर करने की मांग को लेकर 57 दिन से धरना दे रहे लोगों का सब्र सोमवार को फूट पड़ा। पांच फीट गहरे गड्ढे में बैठकर एक ग्रामीण ने भू-समाधि लेन की कोशिश की। गड्ढे को ऊपर से बंद करा लिया। तहसीलदार सदर रजनीश वाजपेयी समेत अधिकारियों की चार घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीण को बाहर निकाला जा सका। इसके साथ ही जेसीबी से नाले की खोदाई का काम शुरू करा दिया गया।

सिरौली रोड पर जल निकासी न होने के कारण जगह-जगह पानी भरा हुआ है। सड़क टूट चुकी है। इसको लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण आंदोलनरत हैं। मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर एक नवंबर को समाजसेवी सावित्री देवी भी भू समाधि लेने की कोशिश कर चुकी हैं। तब तहसीलदार ने 20 दिन में विकास कार्य कराने का लिखित आश्वासन देकर उन्हें समाधि से बाहर निकलवाया था। इसके बाद भी धरना चलता रहा लेकिन विकास कार्य नहीं हुआ। सोमवार सुबह 10 बजे ग्रामीण प्रेम सिंह ने पांच फीट गहरा गड्ढा खोदा और उसमें बैठ गए। ऊपर से लकड़ी के तख्ते और मिट्टी डलवा ली। सूचना पर तहसीलदार रजनीश वाजपेयी, सीओ अछनेरा महेश कुमार, ब्लाक प्रमुख अकोला राजू समेत मलपुरा पुलिस पहुंच गई। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे तत्काल कार्य शुरू कराने की मांग करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस से कहासुनी भी हुई। दोपहर दो बजे अधिकारियों के जेसीबी मंगवाने और खोदाई शुरू कराने के बाद ही प्रेम सिंह को बाहर निकलवाया गया। विरोध करने वालों में अंजेश गिरी, जितेंद्र चक, लोकेश तोमर, सतेंद्र, घनश्याम अग्रवाल, मीना देवी, कीर्ति अम्मा, पुष्पा देवी, कोमल सिंह आदि शामिल रहे। भू-समाधि, जाम लगाया फिर भी नहीं हुए विकास कार्य

एक नवंबर को समाजसेवी सावित्री देवी के भू-समाधि लेने की कोशिश के बाद 23 नवंबर को ग्रामीण जगनेर रोड पर जाम लगा चुके हैं। तब भी अधिकारियों ने 24 घंटे में निर्माण शुरू कराने का भरोसा दिया था। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारी भरोसा दे चुके लेकिन विकास कार्य नहीं करा पा रहे।

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