Gram Panchayat Chunav: आगरा में मोक्ष धाम की राह को भी उद्धार का इंतजार

Gram Panchayat Chunav शहर से लगे बिचपुरी ब्लाक के गांव कलवारी में समस्याओं का अंबार। पीने के पानी कूड़े और चोक नाले-नालियों की समस्या से जूझ रहा। गांव में बने वाटर हेड टैंक में कई साल से पानी नहीं है। वाटर हेड टैंक परिसर कूड़ा घर में तब्दील।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 08:31 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 08:31 AM (IST)
Gram Panchayat Chunav: आगरा में मोक्ष धाम की राह को भी उद्धार का इंतजार
शहर से लगे बिचपुरी ब्लाक के गांव कलवारी में समस्याओं का अंबार।

आगरा, जागरण संवाददाता। बोदला चौराहे से करीब दो किलोमीटर दूर शहर से लगे कलवारी गांव में बुधवार को दैनिक जागरण की टीम पहुंची। जयपुर हाईवे से गांव की ओर जाने वाला रास्ते पर करीब सौ मीटर तक तो खरंजा बिछा है। मगर,उसके आगे मोक्षधाम से गांव तक जाने वाला करीब सौ मीटर तक का पूरा रास्ता ऊबड़-खाबड़ है। टीम को रास्ते के फाेटो खींचते देखकर गांव के बुजुर्ग विशंभर पास आकर तपाक से सवाल दागते हैं, क्या सड़क बनने वाली है। जागरण टीम के यह बताने पर कि वह गांव और ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में जानने के लिए आए हैं। बुजुर्ग छूटते ही कहते हैं, यहां समस्याअों का अंबार है, किस समस्या के बारे में जानना चाहते हैं। गांव की समस्याओं की बात आते ही विशंभर के अलावा सुरेशचंद, मनीराम, गोकुल आदि ग्रामीण भी आ जाते हैं। वह बताते हैं दूसरों के कंधों पर जीवन की अंतिम यात्रा पर निकलने वालों को मोक्षधाम तक पहुंचाने वाली राह खुद भी सालों से उद्धार की राह देख रही है।

ग्राम पंचायत कलवारी में अमरपुरा और विलासगंज गांव भी आते हैं। इसके अलावा तीन दर्जन से ज्यादा नव विकसित कालोनी हैं। ग्राम पंचायत की आबादी 40 हजार से ज्यादा है। इसमें 8800 मतदाता हैं। जिसमें 60 फीसद पुरुष और 40 फीसद महिला मतदाता हैं। ग्रामीण जयपुर हाईवे से गांव की ओर आने वाले मुख्य मार्ग के 100 मीटर तक खरंजा बिछा होने का राज भी खोलते हैं।वह कहते हैं इस खरंजे को फैक्ट्री द्वारा बनवाया गया है। इससे कि उसके कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो। हालांकि गांव में कई जगह खरंजा और आरसीसी की सड़क भी है। मगर, गांव में जल निकासी न होने से नालियों का पानी सड़कों पर भर जाता है। इससे वह खरंजा टूट जाता है।

गांव में जगह-जगह लगे कूडे के ढेर भी गांव की प्रमुख समस्या है। मोक्षधाम को जाने वाली मार्ग के अलावा पूरे गांव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। वहीं, कब्रिस्तान के बराबर से बनी नाली में कूड़ा होने पर चोक होने से पानी बहकर सड़क पर आ जाता है। कूड़ा अधिक एकत्रित होने पर लोग उसमें आग लगा देते हैं।

सालों से टंकी में नहीं आया पानी

गांव में बने वाटर हेड टैंक में कई साल से पानी नहीं है। वाटर हेड टैंक परिसर कूड़ा घर में तब्दील हो चुका है। गांव का ज्यादातर कूड़ा यहां पड़ता है। पास में ही रहने वाली सपना बताती हैं कि टंकी से पानी की सप्लाई नहीं होने से उन्हें दूसरों के यहां जाकर पानी भरना पड़ता है।

मुख्य नाला चोक होने से बारिश में हो जाता है जलभराव

कलवारी का मुख्य सदरवन नाला हमेशा चोक रहता है। उसकी लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। इसके चलते वह डलाबघर में तब्दील हो गया है। मुख्य नाला और नालियां चोक होने से बारिश में पूरे गांव में जलभराव हो जाता है। गांव की पूर्व सरकारों ने नाले को पक्का कराने का वादा ताे कई बार किया, लेकिन वह हकीकत में नहीं बदल सका।

ग्रामीणों की टाक

गांव को हाईवे से जोड़ने वाला मुख्य मोक्षधाम मार्ग सालों ऊबड़-खाबड़ पड़ा है। हर बार उसे सही कराने का वादा किया जाता है।मगर, वादे आज तक हकीकत में नहीं बदल सके।

विशंभर ग्रामीण

सालों पहले सड़क पर गिट्टी डाली गई थी। तब इसके बनने की उम्मीद बंधी थी। मगर, अब गिट्टी भी मिट्टी में गुम हो गई है।

सुरेशचंद ग्रामीण

मुख्य नाला चोक होने से नालियों का पानी उस तक नहीं पहुंच पाता। इसके चलते बारिश में पूरे गांव में पानी भर जाता है।

मनीराम ग्रामीण

गांव में पीने के पानी और गंदगी की मुख्य समस्या है। ग्राम पंचायत द्वारा कूड़ा निस्तारण का कोई प्रयास नहीं किया गया। इससे गांव में जगह-जगह कूड़ा एकत्रित है।

गोकुल ग्रामीण

पानी की टंकी खराब पड़ी है। पानी मांग करके लाना पड़ता है। बहुत से लोग अपने निजी सबमर्सिबल से पानी दे देते हैं। कुछ लोग कभी-कभी मना भी कर देते हैं।

सपना ग्रामीण 

chat bot
आपका साथी