आगरा नहीं आ पा रहीं प्रियंका गांधी, लखनऊ में ले लिया गया हिरासत में
मृतक सफाई कर्मचारी के परिवार से मिलने आगरा आना था प्रस्तावित। पहले आगरा प्रशासन ने प्रियंका गांधी के आगरा में घुसने पर रोक लगाई उधर लखनऊ में ही उन्हें आगरा एक्सप्रेस वे पर चढ़ने से पहले हिरासत में ले लिया गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस हिरासत में अरुण वाल्मीकि की मौत के बाद प्रदेश में सियासत गर्मा उठी है। ट्वीट कर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उप्र प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को शाम चार बजे तक आगरा आना था। शासन ने आगरा के हालातों को देखते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी। उन्हें लखनऊ में ही हिरासत में ले लिया गया। उधर, शहर के हालात को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें शहर में प्रवेश न करने देने की तैयारी कर ली थी।
जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये गायब होने के मामले में पुलिस ने थाने में सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। बुधवार तड़के अरुण की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। इसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वाल्मीकि समाज तो आक्रोशित है ही, सूबे की सियासत भी गर्मा उठी है। सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव द्वारा ट्वीट कर सरकार को घेरने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया था। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पर मृतक के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू और जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुज शिवहरे के साथ मारपीट की दी गई। कांग्रेसियों ने इसकी जानकारी प्रदेश नेतृत्व को दी। इसके बाद मृतक अरुण के परिवार से मुलाकात को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, आचार्य प्रमोद कृष्णम और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आगरा आ रहे हैं। वो लखनऊ से चल दिए थे, लेकिन शासन ने उन्हें आगरा पहुंचने से पूर्व ही हिरासत में ले लिया।
शहर में नहीं मिलेगा प्रवेश
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा में प्रवेश नहीं मिल सकेगा। डीएम प्रभु एन. सिंह ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। डीएम का कहना है कि सफाई कर्मचारी की मौत से जिस तरह से हालात बदले हैं, उसे देखते हुए इन नेताओं को फिलहाल आगरा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इससे शहर की कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हाे सकता है। मामला खत्म होने के बाद नेताओं का शहर में स्वागत है। उन्होंने कहा लखनऊ, नोएडा सहित अन्य डीएम को इसके लिए कहा गया है।
पैनल किया गठित
डीएम का कहना है कि विशेषज्ञों का पैनल गठित कर अरुण के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से मौत की सही वजह सामने आ सकेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ता न होते तो मेरी हत्या कर देते
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू ने स्वयं से हुई मारपीट पर कहा कि उन्होंने कोई भड़काऊ बात नहीं कही है। वो मृतक अरुण की मां और उसकी पत्नी को सांत्वना दे रहे थे। मृतक की पत्नी अपनी चोटें दिखा रही थी। भाजपा के कुछ लोगाें को यह अच्छा नहीं लगा। पहले हल्ला मचाया, उसके बाद धक्का-मुक्की, गाली-गलौज और मारपीट की। कुछ असामाजिक लोग भड़काने वाले होते हैं। यह लोग उस समय कहां थे जब अरुण और उसके स्वजनों को कस्टडी में पुलिस पीट रही थी। तब कहां थे, जब चोरी का मुकदमा दर्ज हो रहा था। मृतक की पत्नी को टार्चर किया जा रहा था। भाजपा का खाैफ दिखाकर पुलिस को अंडर में ले लिया। पुलिस की उपस्थिति में भाजपा के लोगों ने उनके साथ हाथापाई, मारपीट और बदतमीजी की। अगर कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं होते तो मेरी हत्या हो सकती थी। प्रदेश नेतृत्व को पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मशविरा करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।