Paras Hospital Agra: आगरा में मौत की मॉक ड्रिल पर प्रियंका गांधी ने सरकार को फिर घेरा

Paras Hospital Agra लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर पूछा कि क्या दोषियों को सजा देगी सरकार। मंगलवार को भी किया था ट्वीट कांग्रेसियों ने पुलिस को दी थी तहरीर। उन्होंने लिखा कि उप्र सरकार ने आक्सीजन की भारी कमी के बीच लगातार कहा कि आक्सीजन की कमी नहीं है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 03:08 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 03:08 PM (IST)
Paras Hospital Agra: आगरा में मौत की मॉक ड्रिल पर प्रियंका गांधी ने सरकार को फिर घेरा
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा। इंटरनेट मीडिया द्वारा उपलब्ध फोटो।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में श्री पारस हास्पीटल में मौत की मॉक ड्रिल के मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर उप्र सरकार को घेरा। उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि क्या सरकार आगरा मॉक ड्रिल का सच सामने लाकर दोषियों को सजा देगी?

पारस अस्पताल में मौत की माक ड्रिल का मामला गरमा रहा है। सोमवार को हास्पीटल संचालक के वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार सुबह राहुल गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किए थे। कांग्रेसियों ने हास्पीटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई को न्यू आगरा थाना में तहरीर दी थी। बुधवार सुबह प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रकरण को लेकर एक बार फिर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि उप्र सरकार ने आक्सीजन की भारी कमी के बीच लगातार कहा कि आक्सीजन की कमी नहीं है। प्रदेशभर में लोगों की तड़प-तड़प कर जान चली गई। आगरा में भी प्रशासन कह रहा है कि आक्सीजन की कमी नहीं थी। क्या उप्र सरकार आगरा माॅक ड्रिल का सच सामने लाकर दोषियों को सजा देगी?

मंगलवार को किया था यह ट्वीट

पीएम: मैंने आक्सीजन की कमी नहीं होने दी। सीएम: आक्सीजन की काेई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। मंत्री: मरीजों को जरूरत भर आक्सीजन दें। ज्यादा आक्सीजन न दें। आगरा अस्पताल: आक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की आक्सीजन बंद करके माॅक ड्रिल की। जिम्मेदार कौन?

अन्य अस्पतालों का भी हो आडिट

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य उपेंद्र सिंह ने कहा कि 26-27 अप्रैल को आगरा में दो दर्जन से अधिक अस्पतालों ने आक्सीजन की कमी का बोर्ड लगा दिया था। तब ऐसे में जिला प्रशासन का यह कहना कि आक्सीजन की मात्रा पर्याप्त थी और निरंतर आपूर्ति हो रही थी, अपने आप में संदेहास्पद है। उस समय जितने भी कोविड अस्पताल रहे हों, उनका आडिट होना चाहिए और अगर उन पर आक्सीजन नहीं थी तो वहां कितने मरीजों की आक्सीजन की कमी से मृत्यु हुई, इसकी भी सघन जांच होनी चाहिए। संभव है पारस हास्पीटल जैसे अन्य हास्पीटल के मामले भी उजागर हो सकें।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए मुकदमा

एनएसयूआइ के अपूर्व शर्मा ने श्री पारस हास्पीटल के संचालक के खिलाफ साजिशन हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर गिरफ्तार करने और मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की है। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को हास्पीटल संचालक से 10 लाख रुपये दिलवाने की मांग भी प्रशासन से की है। 

chat bot
आपका साथी