International Yoga Day 2021: योग से मिला आगरा में बंदियों को निरोग रहने का मंत्र

International Yoga Day 2021 सेंट्रल और जिला जेल में लगती है योग की पाठशाला। कोरोना को मात देने के साथ ही तनाव से उबरने में मिली मदद। सेंट्रल जेल में बंदियों के बीच योग की पाठशाला की करीब दस साल पहले शुरू हुई थी।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:55 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:55 PM (IST)
International Yoga Day 2021: योग से मिला आगरा में बंदियों को निरोग रहने का मंत्र
सेंट्रल जेल में बंदियों के बीच योग की पाठशाला की करीब दस साल पहले शुरू हुई थी।

आगरा, अली अब्बास। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप से लोग जूझ रहे थे। मास्क और दो गज की दूरी के अलावा वायरस से बचने को तरह-तरह के उपाय तलाश रहे थे। लोग महामारी के साथ ही तनाव की चपेट में आ रहे थे। केंद्रीय और जिला जेल में निरुद्ध बंदी भी इससे अछूते नहीं थे। अपनों से मुलाकात पर रोक के चलते वह तनाव का शिकार हो रहे थे। दो दर्जन से ज्यादा बंदी कोरोना संक्रमित हो चुके थे। तनाव के शिकार इन बंदियों ने देखा कि नियमित रूप से योग करने वाले साथी बंदी इसका प्रभाव इतना ज्यादा नहीं था। वह तनाव मुक्त होने के साथ ही महामारी को भी बेहतर तरीके से मात दे रहे थे। इसने अन्य बंदियों को भी योग से निरोग रहने का मंत्र दे दिया।

सेंट्रल जेल में बंदियों के बीच योग की पाठशाला की करीब दस साल पहले शुरू हुई थी। योग सिखाने वाली एक संस्था के कुछ सदस्यों ने बंदियों को निरोग व ऊर्जावान बने रहने के लिए नियमित योग करने की सलाह दी। योग शिक्षक ने करीब एक सप्ताह तक नियमित रूप से इसकी क्लास ली। बंदियों को योगासन सिखाए। शुरूआत में योग की पाठशाला में गिने-चुने बंदी ही आए। मगर, दो महीने तक नियमित रूप से योग करने पर बंदियों में सकारात्मक बदलाव आए। उनका व्यवहार और बातचीत का तरीका बदल चुका था।

इससे प्रभावित होकर तनाव और हाइपर टेंशन के कई बंदियों ने योग की पाठशाला में नियमित रूप से आना शुरू किया। इन बंदियों ने एक सप्ताह बाद ही अपने में बदलाव पाया। चहारदीवारी में रहने के दौरान एक-एक दिन काटते हुए उनके मन में जो बेचैनी रहती थी। वह लगभग गायब हो चुकी थी।दस साल पहले जेल में लगाया योग का पौधा कोरोना काल में विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है। दोनों जेलों में कई सौ बंदी नियमित रूप से योग करते हैं।

बंदियो को योग से हुए ये लाभ

-कुछ बंदी ऐसे थे जो बात-बात पर उत्तेजित हो जाते थे। नियमित योग से इन बंदियों के व्यवहार में बदलाव आया।

-कई बंदी मारपीट पर आमादा हो जाते थे, उनके स्वभाव में उग्रता कम हुई।

-सेंट्रल जेल में निरुद्ध कई बंदी जिनकी बहुत कम मुलाकात आती थीं, वह अवसाद के शिकार होने लगे थे। नियमित योग करने से उन्हें तनाव से उबरने में मदद मिली।

-आजीवन कारावास की सजा वाले बंदी अपने बाहर निकलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। गहरे अवसाद की ओर अग्रसर हो चुके थे। योग ने इन बंदियों को अवसाद उबारने के साथ ही जिंदगी के प्रति सकारात्मक रूख अपनाने में मदद की। यह बंदी जेल में बनी साथी बंदियों की भजन मंडली में शामिल हो गए।

दर्जनों बंदी नियमित रूप से योग करते हैं। इससे इन बंदियों को तनाव मुक्त रहने के साथ ही कई हाइपर टेंशन समेत रोगों से उबरने में मदद मिली है।

वीके सिंह वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार 

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