Mission Motivation: मिशन प्रेरणा 4.0, आगरा के हर गांव में तैयार होंगे प्रेरणा सारथी

Mission Motivation संसाधन विहीन विद्यार्थियों की करेंगे संसाधन उपलब्ध कराकर पढ़ने में करेंगे मदद। निस्वार्थ सहायता की भावना और निकट रिश्तेदार पड़ोसी या समुदाय का शुभचिंतक होगा चयन का आधार। प्रत्येक गांव से 10 ऐसे सारथियों का चयन किया जाएगा

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST)
Mission Motivation: मिशन प्रेरणा 4.0, आगरा के हर गांव में तैयार होंगे प्रेरणा सारथी
स्वयंसेवकों को तैयार कर उन्हें प्रेरणा सारथी नाम दिया जाएगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में विद्यालय बंद हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई की गाडी़ पटरी से न उतरे, इसके लिए तमाम कवायद की जा रही है। इसी क्रम में परिषदीय विद्यालयों के संसाधन विहीन विद्यार्थियों तक पहुंचने के लिए नया प्रयोग शुरू हो रहा है। इसके तहत हर गांव में अब प्रेरणा सारथी तलाशे जाएंगे, जो स्वेच्छा से अपने संसाधनों का प्रयोग कर विद्यार्थियों को पढ़ने में सहयोग करेंगे।

इसके लिए परिषदीय विद्यालयों के पास के प्रत्येक गांव से 10 ऐसे साथियों का चयन किया जाएगा, जिनके पास स्मार्ट फोन होगा और वह स्वेच्छा से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अपना स्मार्ट फोन थोड़ी देर के लिए देने के राजी होंगे। संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक उनके नंबर को प्रेरणा एप पर पंजीकृत कराएंगे और विद्यालय के वाट्सएप ग्रुप से जोड़ेंगे, ताकी समय-समय उनके वाट्सएप नंबर पर शिक्षण सामग्री भेजी जा सके और वह विद्यार्थियों को पढ़ने में मदद कर सकें।

ऐसे हुई शुरुआत

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-पाठशाला अभियान चल रहा है। 'घर ही बन जाएगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई-पाठशाला' के संदेश के साथ इसका प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण पूरा हो गया है। चतुर्थ चरण के साथ नई गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इसके प्रभावी क्रियान्वयन व अधिकतम विद्यार्थियों तक पहुंचने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने वालिंटियर आनबोंडिंग ड्राइव शुरू की है, जिसमें स्वयंसेवकों को तैयार कर उन्हें प्रेरणा सारथी नाम दिया जाएगा। उन्हें साप्ताहिक शिक्षण सामग्री मुहैया कराई जाएगी, ताकी वह विद्यार्थियों को पढ़ने में मदद कर सकें।

यह बन सकेंगे प्रेरणा सारथी

प्रेरणा सारथी विद्यार्थियों के पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार, पड़ोसी या पूर्व विद्यार्थी, कोई भी बन सकता है। प्रेरणा साथी बनाने पर उन्हें अपने मोबाइल पर प्रेरणा लक्ष्य एप, रीड एलांग एप, दीक्षा एप डाउनलोड करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि विद्यार्थी रोजाना कम से कम 20 मिनट प्रेरणा लक्ष्य एप को प्रयोग करें। हर शिक्षक अपने साथ एक-दो कार्यकर्ता जोड़ेंगे, जो प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को वाट्सएफ ग्रुप पर कक्षावार व विषयवार सामग्री को साझा करेंगे। साथ ही प्रेरणा सारथी हर शनिवार को साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करेंगे। चयन का एकमात्र आधार निस्वार्थ सहायता की भावना और निकट रिश्तेदार, पड़ोसी या समुदाय का शुभचिंतक होना है।

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि ई-पाठशाला का चौथा चरण शुरू हो चुका है। इसमें प्रेरणा सारथी को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा। व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा उपलब्ध कराने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। 

chat bot
आपका साथी