Operation Asra: पुलिस बनी बेसहारों का सहारा, आपरेशन आसरा में पांच बच्चों को किया रेस्क्यू
भगवान टाकीज ओवर ब्रिज और उसके आसपास चलाया अभियान। एडीजी एसएसपी और एसपी सिटी एवं ग्रामीण भी रहे रेस्क्यू के दौरान। रेस्क्यू किए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद उन्हें शेल्टर होम भेजा जाएगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने शनिवार से अपनी मुहिम की शुरूआत की। आपरेशन आसरा के तहत न्यू आगरा क्षेत्र से पांच बच्चों को रेस्क्यू किया। इस दौरान एडीजी अजय आनंद, एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद और एसपी ग्रामीण रवि कुमार मौजूद रहे। रेस्क्यू किए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद उन्हें शेल्टर होम भेजा जाएगा।
एमजी रोड के फुटपाथ पर रहने वाली युवती को दस दिन पहले बाइक सवार अपने साथ ले गए थे। उसे बिरयानी और शराब की पार्टी दी। शराब में नींद की गोलियां मिला दीं थी। इससे युवती की हालत बिगड़ने पर उसे सेंट्रल जेल के पास झाड़ियों में फेंक दिया था। युवती की एसएन इमरजेंसी में मौत हो गयी थी। पुलिस ने युवती की मौत के जिम्मेदार पांचों लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। दो साल पहले भी आठ साल की बालिका को सेंट जोंस चौराहे के पास फुटपाथ से विधि का छात्र सोते समय उठा ले गया था। बालिका से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। फुटपाथ पर रहने वाली महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों ने आपरेशन आसरा के नाम से अभियान शुरू करने का फैसला किया। इसमें फुटपाथ पर रहने वाली महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों का सर्वे और उन्हें रेस्क्यू करके शेल्टर होम एवं आश्रम में भेजा जाएगा। शनिवार को एडीजी अजय आनंद, एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी ग्रामीण रवि कुमार की मौजूद में पुलिस ने भगवान टाकीज चौराहे और उसके आसपास अभियान चलाया। फुटपाथ पर रहने वाले और ठेल आदि पर काम करने वाले पांच बच्चों का रेस्क्यू किया। सभी की उम्र नौ से 15 साल के बीच है। दो बच्चों ने बताया कि वह गोरखपुर के रहने वाले हैं। वह भगवान टाकीज के पास एक ठेल वाले के पास काम करते हैं। दोनों बच्चों के स्वजन से संपर्क किया गया। स्वजन ने बताया कि वह रविवार को बच्चों को लेने आ रहे हैं। वहीं, बाकी तीनाें बच्चे आगरा के विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं। एसपी सिटी ने बताया पांचों बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। उनका मेडिकल आदि कराने के बाद शेल्टर होम भेजा जाएगा।
दो महिलाओं ने मांगा वक्त
अभियान के दौरान पुलिस को दो महिलाएं भी मिलीं। इन महिलाओं का कहना था कि वह दो साल से फुटपाथ पर रहती हैं। महिलाओं ने पुलिस से दो दिन का समय मांगा। उनका कहना था कि वह स्वजन से बात करेंगी। यदि, वह उन्हें अपने साथ रख लेंगे तो वह फुटपाथ पर नहीं रहेंगी। स्वजन तैयार नहीं होते हैं तो वह आश्रम में रहने को तैयार हैं। रेस्क्यू टीम ने इन महिलाओं के नाम-पते नोट कर लिए।
ये बनी है रेस्क्यू टीम
सामाजिक कार्यकर्ता वत्सला प्रभाकर, शीला बहल, प्रमिला शर्मा, चाइल्ड लाइन की रितु वर्मा, असलम, मुस्कान और विनायक संस्था से विनीता जादौन।