सिपाही की मौत की हो निष्पक्ष जांच, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत

अलीगढ़ में तैनात कागारौल के सिपाही का होटल के कमरे में मिला था शव घटना को 10 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं हुई है कार्रवाई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 06:15 AM (IST)
सिपाही की मौत की हो निष्पक्ष जांच, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत
सिपाही की मौत की हो निष्पक्ष जांच, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत

जागरण टीम, आगरा। सिपाही की मौत के मामले में 10 दिन गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने अब मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। कागारौल के बैमन निवासी लोकेंद्र चाहर पुलिस कांस्टेबल था। वह अलीगढ़ कंट्रोल रूम में तैनात था। आठ मार्च को उसका शव वहां एक होटल के कमरे में मिला था। लोकेंद्र के भाई पुष्पेंद्र का कहना है कि सूचना मिलते ही उन्होंने कहा था कि जब तक स्वजन न पहुंच जाएं, होटल का कमरा न खोला जाए लेकिन पुलिस ने उनके पहुंचने से पहले ही शव को बाहर निकाल लिया था। इस मामले में स्वजन राज्यमंत्री चौधरी उदयभान, सासंद राजकुमार चाहर, एडीजी राजीव कृष्ण समेत अन्य से निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके हैं। स्वजन का आरोप है कि लोकेंद्र आत्महत्या नहीं कर सकता। साजिशन उसकी हत्या की गई है। घटना को 10 दिन बीतने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर गुरुवार को क्षेत्र के ग्रामीण अरविद चाहर, निर्भीक चाहर, रौनी चाहर ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर जांच की मांग की है। अर्चित हत्याकांड में पुलिस छठवें दिन भी खाली हाथ

जागरण टीम, आगरा। अर्चित पचौरी हत्याकांड में छठवें दिन भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सुबूत नहीं लगा। पुलिस केस की कड़िया जोड़ने में ही जुटी रही। इस हत्याकांड में पुलिस अब तक 30 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। छह लोगों को हिरासत में भी लिया गया लेकिन उनसे कोई अहम जानकारी नहीं मिली है। इंस्पेक्टर संजीव शर्मा का कहना है कि अर्चित की हत्या देखकर प्रथमदृष्टया लग रहा है कि नफरत से भरे किसी शख्स ने उसके साथ ऐसा किया। घटना को अंजाम देने वाले भी तीन या इससे अधिक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बिंदुओं पर काम चल रहा है। फतेहपुर सीकरी के मंगोली कलां निवासी अर्चित पचौरी का शव 13 मार्च की रात रेलवे ट्रैक पर बंधा हुआ मिला था। ट्रेन की चपेट में आकर उसके दोनों हाथ कट गए थे। वह सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था। शाम के समय घर से दौड़ लगाने के लिए निकला था।

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