JE Murder Case: मथुरा- आगरा के बीच रात भर दौड़ी पुलिस, अभी तक हाथ खाली Agra News

जेई के करीबियों से भी पुलिस कर रही पूछताछ। आगरा से भी जुड़े हो सकते हैं तार।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 11:58 AM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 09:06 PM (IST)
JE Murder Case: मथुरा- आगरा के बीच रात भर दौड़ी पुलिस, अभी तक हाथ खाली Agra News
JE Murder Case: मथुरा- आगरा के बीच रात भर दौड़ी पुलिस, अभी तक हाथ खाली Agra News

आगरा, जेएनएन। विद्युत विभाग के जेई प्रदीप हत्याकांड का रहस्य की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस की टीमें रात भर मथुरा और आगरा के बीच मे दौड़ती रही, लेकिन सुबह तक कोई अहम सुराग हाथ नहीं लग सका। विद्युत विभाग के उन अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है, जो जेई प्रदीप के करीबी थे। 

गुरुवार रात मथुरा के पानीगांव यमुनापार के जेई प्रदीप कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को घटना के बाद से लेकर अब तक हिरासत में लिया है। पुलिस की एक दर्जन टीमें हत्याकांड के रहस्य का पर्दाफाश करने में जुटी हैंं। रात को पुलिस ने कई विद्युत विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ की जो, जेई के करीबी थे। इसके अलावा पुलिस टीम ने मां चंद्रवाली शीत गृह के पास डहरुआ मोड़ के लोगों से भी पूछताछ की। इसी रोड पर जेई की हत्या की गई थी। अभी तक पुलिस को कोई ऐसा सुराग नहीं लगा है, जिससे वह घटना का पर्दाफाश कर सके। उधर, बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में अभी भी गुस्सा है। शनिवार को कोई कामकाज विभाग में नहीं हुआ। अधिकारी और कर्मचारी शहर में आए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मिलकर हत्याकांड के जल्द पर्दाफाश की मांग करेंगे।

विद्युत उप केंद्र कार्यालय पर हुई लूट में सरकारी गवाह थे प्रदीप

मथुरा में गुरुवार की रात जेई प्रदीप कुमार की गोली मारकर हत्या करने के तार आगरा से जुड़े हो सकते हैं। कागारौल में विद्युत उप केंद्र पर हुई लूट में जेई प्रदीप भी गवाह थे। मामले में एक आरोपित को आठ वर्ष की सजा हो चुकी है। जबकि बाकी दो अभियुक्तों के खिलाफ केस ट्रायल पर है। मुकदमे में 30 जनवरी को सुनवाई होनी थी। पुलिस इस बिंदु पर भी गहनता से जांच कर रही है।

आइजी रेंज ए.सतीश गणेश ने मथुरा में घटनास्थल के निरीक्षण के बाद कागारौल में हुई घटना का ब्योरा तलब किया। इसमें जानकारी हुई कि कागारौल विद्युत उप केंद्र कार्यालय पर पांच जून 2017 को लूट हुई थी। बदमाश 3.32 लाख रुपये लूटकर ले गए थे। इस घटना का तत्कालीन एसएसपी दिनेश चंद्र दुबे ने दो बार पर्दाफाश किया। मगर, बरामदगी महज 48 हजार की हुई। पुलिस ने छह जून 2017 को अशफाक और 20 जून को उसके साथी मुंगेरी उर्फ मोहन सिंह निवासी आदिवासी मोहल्ला किरावली को जेल भेजा था। इसके तीन माह बाद पुलिस ने 15 सितंबर 2017 को रोहताश उर्फ देवेंद्र जाट उर्फ टोटा निवासी मुबारकपुर कागारौल और आशु निवासी सेवला जाट सदर को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।

इसमें अशफाक को कोर्ट ने इसी महीने चार जनवरी को दो साल आठ महीने की सजा सुनाई है। जबकि अन्य आरोपितों के खिलाफ केस ट्रायल पर है। इसमें 30 जनवरी को अदालत में सुनवाई होनी है। मामले में एक आरोपित को सजा होने के चलते पुलिस हत्या के तार आगरा से भी जुड़े होने की आशंका पर काम कर रही है। आइजी ए सतीश गणेश एसएसपी बबलू कुमार के साथ शुक्रवार शाम को प्रदीप के पैतृक गांव चोर नगरिया पहुंचे। वहां उनके मामा रामकुमार से बात की। और एसएसपी बबलू कुमार शुक्रवार की देर शाम मृतक जेई के घर पहुंचे। आइजी ने प्रदीप के स्वजनों को सांत्वना देने के साथ ही हत्यारों का पता लगा उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।

आगरा के तेज तर्रार इंस्पेक्टर भी लगाए

आगरा में इस समय कई ऐसे इंस्पेक्टर हैं जो पूर्व में मथुरा में भी रह चुके हैं। अधिकारियों ने जेई की हत्या के पर्दाफाश के लिए इन इंस्पेक्टरों को भी लगाया है। इससे कि वह अपने सूत्रों के द्वारा घटना से संबंधित कुछ सुराग हासिल कर सकें।  

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