इंटरव्यू को तैयार हो रहे सुपर स्टार, नौनिहालों की लग रही इस समय पूरी क्‍लास Agra News

नर्सरी एडमिशन के लिए बच्चों को मिल रही स्पेशल ट्रेनिंग। प्ले ग्रुप्स में सिखाया जा रहा चलने और बोलने का तरीका।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 10:17 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 10:17 AM (IST)
इंटरव्यू को तैयार हो रहे सुपर स्टार, नौनिहालों की लग रही इस समय पूरी क्‍लास Agra News
इंटरव्यू को तैयार हो रहे सुपर स्टार, नौनिहालों की लग रही इस समय पूरी क्‍लास Agra News

आगरा, प्रभजोत कौर। चाल अमिताभ बच्चन जैसी हो, स्टाइल रितिक रोशन जैसी हो। बात करे तो सलमान लगे और एक्सप्रेशन आमिर खान जैसा हो। दिमाग एपीजे अब्दुल कलाम का हो। यह सारी चाहतें किसी फिल्मी किरदार के लिए नहीं, बल्कि नर्सरी में एडमिशन के लिए हैं। इंटरव्यू में एंट्री मारते ही बच्चे का एडमिशन हो जाए, इस चाहत के साथ बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है।

इस साल नर्सरी एडमिशन की डेट्स घोषित होते ही अभिभावकों के सिर पर दोहरी मार पड़ी है। पहली उन्हें एडमिशन के लिए सारे कागज तैयार करने हैं, दूसरी बच्चे को इंटरव्यू के लिए तैयार कराना है। इसके लिए अभिभावक बच्चे को खुद तो तैयारी करा ही रहे हैं, प्ले ग्रुप्स में स्पेशल ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं।

चलने से लेकर बोलने तक में हो स्टाइल

बच्चों में कितना आत्मविश्वास है, यह बात एडमिशन में बहुत मायने रखती है। टीचर्स इंटरव्यू के दौरान बच्चे की हर गतिविधि को गौर से देखते हैं। इसीलिए अभिभावक अपने बच्चे को हर पैमाने पर टॉप पर रखना चाहते हैं। इसके लिए स्पेशल ट्यूशन तक दिलवा रहे हैं। बच्चों को सिखाया जा रहा है कि किस तरह उन्हें कॉन्फीडेंस के साथ चलना है। बात करने में सिर्फ इंग्लिश का प्रयोग करना है।

प्ले ग्रुप्स में चल रहीं क्लासेज

शहर के कई प्ले ग्रुप्स ऐसे हैं जो अपने यहां पढ़ रहे बच्चों को एडमिशन के लिए स्पेशल क्लासेज दे रहे हैं। इन क्लासेज में बच्चों को जरूरी सामान्य ज्ञान से लेकर इंटरव्यू को पास करने के टिप्स तक दिए जा रहे हैं। किड्जी प्ले ग्रुप की संचालिका नेहा गुप्ता बताती हैं कि हम अपने यहां पढऩे वाले बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग देते हैं, जिससे उनका एडमिशन स्कूल में आसानी से हो जाए। इस ट्रेनिंग में टीचर्स को ग्रीट करना, चलने का स्टाइल और इंग्लिश का एक्सेंट तक शामिल होता है।

घरों में भी चल रही ट्रेनिंग

इस समय हर उस घर में ट्रेनिंग का माहौल है, जहां तीन-चार साल के बच्चे हैं। शहर के चुनिंदा स्कूलों में एडमिशन के लिए अभिभावक अपने बच्चों को सुबह उठने से लेकर रात सोने तक हर बात में कुछ न कुछ सिखा रहे हैं। घरों में भी बच्चों से इंग्लिश में बात की जा रही है। 

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