महंगाई से टूटी ताजनगरी की प्लास्टिक इंडस्ट्री

बायोमेडिकल वेस्ट में प्लास्टिक की मात्रा कम मिलने पर तैयार की गई सूची सिरिज सहित अन्य प्लास्टिक वेस्ट के दोबारा इस्तेमाल की आशंका

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:59 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:59 PM (IST)
महंगाई से टूटी ताजनगरी की प्लास्टिक इंडस्ट्री
महंगाई से टूटी ताजनगरी की प्लास्टिक इंडस्ट्री

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी की प्लास्टिक इंडस्ट्री को महंगाई ने तगड़ा झटका दिया है। प्लास्टिक दाने के दाम दोगुने हो गए हैं। इससे तीन माह में कारोबार आधे से भी कम रह गया है। आर्डर न होने से करीब 80 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। कई इकाइयां बंदी के कगार पर हैं।

ताजनगरी में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक उत्पाद बनाए जाते हैं। टायलेट ब्रश की तो यहां सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। देश-विदेश में इनकी सप्लाई होती है। इसके अलावा वाइपर, बाल्टी, साबुनदानी, किचन बाक्स, जग, पूजादानी, डस्टबिन, कुर्सी, मेज पीवीसी पाइप सहित करीब दो दर्जन आइटम यहां तैयार होते हैं। इन्हें बनाने वाली करीब तीन हजार छोटे-बड़ी इकाइयां शहर में हैं। नवंबर तक प्लास्टिक इंडस्ट्री ठीकठाक चल रही थी। मगर, दिसंबर में प्लास्टिक दाने के दाम बढ़ना शुरू हुए, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहे। इन तीन माह में 90 रुपये किलो वाला दाना 180 रुपये किलो हो गया है। प्लास्टिक आइटम के थोक कारोबारी अनुज माहेश्वरी ने बताया कि आगरा में प्लास्टिक दाना आयात होता है। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के चलते चीन, दुबई और ईरान से आयात कम हो गया था। इस कारण भारत में दाना बनाने वाली कंपनियों ने दाम बढ़ा दिए। प्लास्टिक आइटम के दाम बढ़ने से नए आर्डर नहीं आ रहे हैं। इस कारण काम ठप पड़ा है। बंदी के कगार पर कारखाने

ब्रश कारोबारी शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि देश-विदेश में आगरा का टायलेट ब्रश जाता है। ब्रश बनाने की 400 से अधिक इकाइयां हैं। पहले एक दिन में सभी इकाइयों में करीब 10 लाख ब्रश बन रहे थे। मगर, जब से प्लास्टिक दाना महंगा हुआ है, नए आर्डर नहीं आ रहे। अब उत्पादन घटकर 25 से 30 फीसद रह गया है। कई छोटी इकाइयां तो बंदी के कगार पर हैं। जिन लोगों के पास पुराना माल है, वह ही निकाला जा रहा है। 80 हजार लोग प्रभावित

प्लास्टिक इंडस्ट्री से करीब 80 हजार लोग सीधे तौर पर जुडे़ हैं। नए आर्डर न आने से अधिकांश इकाइयों में काम नहीं हो रहा, जहां काम हो भी रहा है तो वह सीमित है। ऐसे में आर्डर न होने से इंडस्ट्री से जुडे़ सभी लोग प्रभावित हुए हैं। हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। जो लोग काम कर रहे हैं, उनकी आमदनी भी प्रभावित हुई है। आने वाले दिनों में उनकी भी मुश्किलें बढ़ने की संभावना है। पिचकारियों पर भी दिखेगा असर

प्लास्टिक दाना महंगा होने का असर इस बार होली की पिचकारियों पर भी दिखेगा। पिचकारी के थोक कारोबारी निकुंज माहेश्वरी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में पिचकारी के दामों में 20 फीसद तक की तेजी है। इसका कारण प्लास्टिक और ट्रांसपोर्टेशन महंगा होना है। प्लास्टिक महंगी होने के चलते पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो रहा है। नया स्टाक तैयार कराने पर कीमत बहुत अधिक हो जाएगी।

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