पाइपलाइन के लिए की खोदाई, घरों में दरार

मिढ़ाकुर में हर घर नल योजना के तहत बिछ रहीं पाइपलाइन पाइपलाइन बिछाने में किया जा रहा घटिया सामग्री का प्रयोग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:10 AM (IST)
पाइपलाइन के लिए की खोदाई, घरों में दरार
पाइपलाइन के लिए की खोदाई, घरों में दरार

जागरण टीम, आगरा। गांव मिढ़ाकुर में हर घर नल योजना के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई जा रही पाइपलाइन ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन गई है। अधिकारियों की मिली भगत से नियमों को ताक पर रखकर खोदाई की जा रही है। इससे मकानों में दरार आ रही है। वहीं इसमें घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में भी खोदाई की जा रही है। सड़क को खोदने के बाद उसे ठीक भी नहीं किया जा रहा है। गांव के चौधरी मुहल्ला में खोदाई के बाद जलभराव हो गया। जिसकी वजह से मोहन, पुष्कर और गुल्ला के मकान में दरार पड़ गई है। ठेकेदार की मनमानी और घटिया सामग्री प्रयोग कर बिछाई जा रही पाइपलाइन की शिकायत कई बार जनप्रतिनिधियों से की है। बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों में ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। जिसके चलते उन्होंने नारेबाजी की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अनियमितताओं पर लगाम नहीं लगी तो काम रुकवा दिया जाएगा। मोहन सिंह, काशीराम, बलवीर सिंह, राज वर्मा, मनोज सोलंकी, गौरी पुजारी, भीम पटेल, महेंद्र पटेल, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे। पांच वर्ष में चार मीटर गिरा भूगर्भ जलस्तर

जागरण टीम, आगरा। एक ओर जहां सरकार जमीनी जलस्तर बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहीं है। वहीं दूसरी ओर पानी की ज्यादा बर्बादी से धरती का खजाना खाली हो रहा है। ऐसे ही जल का दोहन करते रहे तो आने वाले समय में इंसान बूंद बूंद के लिए तरस जाएगा। पांच साल के आंकडे़ ऐसे ही कुछ इशारा कर रहे हैं।

ब्लाक में वर्ष 1990 से डार्क जोन घोषित हुआ था। बावजूद इसके निजी नलकूपों के लिए विद्युत विभाग ने कनेक्शन दिए। जिसके चलते भूगर्भ जल स्तर गिरता चला गया। ब्लाक में पानी की टंकी खराब होने के कारण लोगों ने अपने घरों में सबमर्सिबल लगवाए। इससे अधिक जल दोहन होता चला गया। वहीं कस्बा में पेयजल आपूर्ति के लिए कनेक्शन तो दिए। यहां नलों में टोंटी न होने कारण हजारों लीटर पानी रोजाना होता रहा है। इसके कारण पांच वर्षों में भूगर्भ जल स्तर चार मीटर गिर गया है। शासन ने सख्त रूख अपनाकर निजी नलकूपों पर पाबंदी लगा दी। इसका नतीजा आंकड़ा स्थिर हो गया। सहायक अभियंता लघु सिचाई मंगल यादव का कहना है कि गिरते जलस्तर को रोकने के लिए सरकार द्वारा सरकारी कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग लगवा रही है। तालाबों की खोदाई और उटंघन नदी को गहरा किया जा रहा है।

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