लुप्तप्राय कलाओं में है दिलचस्‍पी तो सरकार करेगी आर्थिक मदद, ये है योजना

पर्यटन नीति के अंतर्गत कलाकार और समूह को दिए जाएंगे पांच लाख रुपये। कला संगीत हस्तकला नृत्य कला व्यंजन शामिल। पर्यटन विभाग ने इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों या समूहों से आवेदन मांगे हैं। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के इरादे से बनी ये योजना।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 12:29 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 12:29 PM (IST)
लुप्तप्राय कलाओं में है दिलचस्‍पी तो सरकार करेगी आर्थिक मदद, ये है योजना
लोक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति में प्रावधान किया गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र में लुप्तप्राय कलाओं को अब पर्यटन नीति से पुनर्जीवित किया जाएगा। कला, संगीत, हस्तकला, नृत्य कला, व्यंजनों को पुनर्जीवित करने में जुटे व्यक्तियों या समूहों को शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। पर्यटन विभाग ने इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों या समूहों से आवेदन मांगे हैं।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और बहुमुखी विकास के लिए उप्र पर्यटन नीति-2018 प्रख्यापित की गई है। इस नीति के तहत स्थानीय एवं लुप्तप्राय कला, संगीत, हस्तकला, लोक नृत्य एवं व्यंजनों को पुनर्जीवित करने में लगे व्यक्तियों और समूहों को वित्तीय प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था है। प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने पर्यटन नीति के तहत लुप्तप्राय कलाओं को पुनर्जीवित करने में जुटे व्यक्तियों व समूहों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पर्यटन विभाग द्वारा कला, संगीत, हस्तकला, लोक नृत्य व व्यंजनों को पुनर्जीवित करने में जुटे व्यक्तियों व समूहों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। उप्र पर्यटन के 64 ताज रोड स्थित कार्यालय में संपर्क कर निर्धारित प्रारूप प्राप्त कर आवेदन किया जा सकता है। जिला स्तरीय समिति इन आवेदन पत्रों पर विचार कर प्रस्ताव पर्यटन विभाग, लखनऊ भेजेगी। वहां से कलाकारों या समूहों का चयन प्रोत्साहन राशि प्रदान करने को किया जाएगा। आगरा की ख्यालगोई और भगत को पर्यटन नीति के तहत प्रोत्साहन प्राप्त हाे सकता है।

तय नहीं है संख्या

नीति में यह तय नहीं है कि एक जिले से कितने कलाकाराें या समूहों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उपलब्ध बजट के अनुसार पर्यटन विभाग, लखनऊ इस पर निर्णय करेगा। 

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