डेंगू से दूसरी बार संक्रमित हो रहे मरीजों को जान का खतरा

केस वन - एटा निवासी राहुल 2015 में डेंगू संक्रमित हुए थे इलाज के बाद ठीक हो गए। अब उन्हें एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। डेंगू की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। शरीर पर चकत्ते हो गए हैं जंबो पैक चढ़ाया गया। केस टू - संदीप निवासी सादाबाद को तेज बुखार और उल्टी होने पर इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है प्लेटलेट्स काउंट 30 हजार पहुंच गए। वे चार साल पहले डेंगू संक्रमित हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:43 PM (IST)
डेंगू से दूसरी बार संक्रमित हो रहे मरीजों को जान का खतरा
डेंगू से दूसरी बार संक्रमित हो रहे मरीजों को जान का खतरा

आगरा, जागरण संवाददाता । डेंगू से दूसरी बार संक्रमित हो रहे मरीजों की जान को खतरा है। एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में गंभीर हालत में भर्ती हो रहे मरीज पूर्व में डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। इनकी प्लेटलेट्स काउंट कम हो रही हैं और रक्तस्त्राव हो रहा है। इन मरीजों को प्लेटलेट्स जंबो पैक चढ़ाया जा रहा है।

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डा. मनीष बंसल ने बताया कि डेंगू के चार स्ट्रेन (डेन वन, डेन टू, डेन थ्री और डेन फोर) हैं। हर साल डेंगू का संक्रमण नए स्ट्रेन से होता है। एक बार जिस स्ट्रेन से संक्रमित हो जाते हैं, डेंगू के उस स्ट्रेन के खिलाफ शरीर में हमेशा के लिए एंटीबाडीज बन जाती हैं। उस स्ट्रेन से संक्रमित होने का खतरा नहीं रहता है। मगर, एक बार जिस स्ट्रेन से संक्रमित हुए हैं और दूसरी बार दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित हो जाते हैं तो दो से तीन दिन बाद ही तबीयत बिगड़ने लगती है। तेज बुखार, बेचैनी, घबराहट और रक्तस्त्राव होने लगता है। ऐसे केस में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है, समय से इलाज न मिलने पर जान तक जा सकती है। मरीजों की काउंसिलिग में सामने आया है कि इमरजेंसी में गंभीर हालत में भर्ती हो रहे मरीज पूर्व में भी डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। केस वन

एटा निवासी राहुल 2015 में डेंगू संक्रमित हुए थे, इलाज के बाद ठीक हो गए। अब उन्हें एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। डेंगू की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। शरीर पर चकत्ते हो गए हैं, जंबो पैक चढ़ाया गया। केस टू

संदीप निवासी सादाबाद को तेज बुखार और उल्टी होने पर इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है, प्लेटलेट्स काउंट 30 हजार पहुंच गए। वे चार साल पहले डेंगू संक्रमित हो चुके हैं।

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