सरकारी अस्पतालों तो बढ़ा रहे मरीजों का दर्द

एसएन में प्राइवेट सेंटर से कराए जा रहे एक्स-रे परीक्षण पर्चे पर बाजार की महंगी दवाएं जिला अस्पताल में होती है धक्कामुक्की ओपीडी में नहीं खोले गए अतिरिक्त काउंटर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:30 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:30 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों तो बढ़ा रहे मरीजों का दर्द
सरकारी अस्पतालों तो बढ़ा रहे मरीजों का दर्द

आगरा, जागरण संवाददाता। प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज और जांच कराने में असमर्थ गरीब सरकारी अस्पताल आते हैं। मगर, यहां की अंधेरगर्दी से इनका दर्द और बढ़ जाता है। सरकार की ओर से चिकित्सा के सभी संभव इंतजाम इन अस्पतालों में मुहैया कराए गए हैं। इसके बावजूद मरीजों को जांच और दवा के लिए बाजार के लिए पर्चा थमा दिया जाता है। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी परामर्श के लिए पर्चा भले ही एक रुपये का बनता है लेकिन, जांच और दवाओं के नाम पर मरीजों को इलाज महंगा पड़ता है। एसएन अस्पताल

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एसएन अस्पताल की ओपीडी में सुबह आठ से 11 बजे तक पर्चे बनते हैं। चिकित्सक एक्सरे और पैथोलाजी जांच का परामर्श देते हैं। एक्सरे कराने के लिए निजी सेंटर का रास्ता दिखा दिया जाता है। पैथोलाजी जांच के लिए सैंपल देने को मरीज इधर-उधर भटकते रहते हैं। पर्चे पर चार से पांच तरह की दवाएं लिखी जा रही हैं। इनमें से एक-दो दवा ही अस्पताल से मिल पाती हैं। मरीज को बाजार से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। पांच दिन की दवाओं पर 250 से 500 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। मधुमेह और ह्रदय रोगियों को पांच से सात दिन की दवाएं दी जाती हैं, इससे उन्हें दवा लेने के लिए दोबारा आना पड़ रहा है बुखार के मरीज बढे़, 1063 मरीजों को दिया गया परामर्श

एसएन मेडिकल कालेज की ओपीडी में बुखार और सर्दी जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सोमवार को ओपीडी में 1063 मरीजों को परामर्श दिया गया। सबसे ज्यादा 197 मरीज मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पहुंचे। चर्म रोग विभाग की ओपीडी में 158 मरीजों को परामर्श दिया गया। ओपीडी में उपलब्ध 70 से 80 तरह की दवाएं ही उपलब्ध

एसएन की ओपीडी में 70 से 80 तरह की दवाएं ही उपलब्ध हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक से लेकर चर्म रोग की दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ती हैं। जन औषधि केंद्र पर 330 तरह की दवाएं हैं। डाक्टर के पर्चे पर लिखीं दवाएं ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं होती हैं। एसएन के जन औषधि केंद्र पर ये दवाएं नहीं मिलतीं। महंगी जांच

एसएन में एक्सरे कराने का चार्ज 41 रुपये है। प्राइवेट सेंटर पर इसके 200 से 250 रुपये ऐंठे जाते हैं। ओपीडी में पैथोलाजी जांच के लिए सैंपल कलेक्शन की सुविधा है लेकिन, मरीजों को जानकारी नहीं दी जाती। इससे वे जांच कराने के लिए भटकते हैं। पैथोलाजी में जांच कराने पर दूसरे दिन रिपोर्ट मिल रही है लेकिन, दूसरे दिन ओपीडी में वो डाक्टर नहीं मिलते हैं। मरीजों को राहत

व्हील चेयर पर मरीज लेकर जा रहे वार्ड ब्वाय

मरीजों को राहत भी मिली है। एसएन की ओपीडी में मरीजों को ले जाने के लिए तीमारदार को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर नहीं ले जाने पड़ रहे हैं। सोमवार को फीरोजाबाद के रिकू को व्हीलचेयर से वार्ड ब्वाय सुरेश चंद्र ओपीडी तक लेकर गए। जिला अस्पताल

जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को सुबह आठ बजे से पर्चा बनवाने के लिए लाइन लग गई। 11 बजे पर्चे बनाने के लिए धक्कामुक्की हुई। इसके बाद परामर्श के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ा। मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए काउंटर नहीं बढ़ाए गए हैं। नहीं करते मरीज भर्ती

इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। सामान्य बीमारी से पीड़ित मरीज भी एसएन रेफर कर दिए जाते हैं। मरीजों को सभी दवाएं नहीं दी जा रही हैं।

रोगियों का दर्द

एसएन में सुबह ओपीडी में दिखाया। वहां प्राइवेट सेंटर पर एक्सरे कराने की स्लिप दे दी। 200 रुपये में एक्सरे हुआ है।

सुमित अग्रवाल, सिकंदरा दो दवा मिली हैं। तीन दवाएं बाजार से खरीदने के लिए कह दिया है। 650 रुपये की दवाएं हैं।

लखमीचंद, किरावली मार्च में आपरेशन हुआ था, सुबह ओपीडी में आ गए। एक्सरे कराने के लिए कह दिया, 250 रुपये में एक्सरे हुआ है।

रिकू, फीरोजाबाद चर्म रोग से परेशान हूं। जिला अस्पताल से सभी दवाएं नहीं मिलीं। बाजार से दवाएं लेने के लिए कह दिया है। हर जगह दवा नहीं मिल रही है।

सरोज, ताजगंज

वर्जन

दवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है। डाक्टरों से दवाओं के जेनेरिक नाम लिखने के लिए कहा जाएगा, जिससे मरीज सस्ती दवा खरीद सकें।

-डा. संजय काला, प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज

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