आक्सीजन की किल्लत ने तोड़ी, जीवन की डोर

सेंट जोंस कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे डा. मनीष मसीह छह दिन पहले हुए थे संक्रमित अस्पताल में कराया था भर्ती

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 12:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 12:00 AM (IST)
आक्सीजन की किल्लत ने तोड़ी, जीवन की डोर
आक्सीजन की किल्लत ने तोड़ी, जीवन की डोर

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना से तो वह लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन आक्सीजन की किल्लत से मौत ने जिदगी को हरा दिया। सेंट जोंस डिग्री कालेज के वाणिज्य संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मनीष मसीह की सांसों ने मंगलवार को साथ छोड़ दिया।

प्रयागराज निवासी 42 वर्षीय डा. मनीष ने सेंट जोंस कालेज पांच साल पहले ज्वाइन किया था। स्वजन ने बताया कि छह दिन पहले उन्हें राम रघु हास्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर थी, लेकिन सोमवार को आक्सीजन की किल्लत के बाद अस्पताल प्रशासन ने हाथ खड़े करते हुए कहीं और ले जाने के लिए बोल दिया। कई जगह तलाशने पर भी बेड व आक्सीजन नहीं मिली, तो थक-हारकर स्वजन उन्हें अलीगढ़ ले गए। वहां बेड और आक्सीजन तो मिल गई, लेकिन लंबा सफर करने से उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।

पत्नी और बेटा भी थे संक्रमित

पहले डा. मनीष का 10वीं में पढ़ रहा बेटा और उनकी पत्नी संक्रमित हुईं। पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एसएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज से वह ठीक हो गई और चार दिन पहले ही घर लौटी थीं।

कालेज के कई शिक्षक- कर्मचारी बीमार

सेंट जोंस कालेज के तमाम शिक्षक और कर्मचारी बुखार आदि से पीड़ित है। कई ने हालात देख खुद को होम आइसोलेट कर लिया है। सेंट पीटर्स की शिक्षिका ने तोड़ा दम

सेंट पीटर्स कालेज की शिक्षिका रश्मि बंसल की सांसों ने भी मंगलवार को साथ छोड़ दिया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। इलाज चल रहा था। सेंट पीटर्स कालेज के प्रधानाचार्य फादर एंड्रयू मैथ्यू कोरेया ने बताया कि वे कालेज में कई सालों से सेवाएं दे रही थीं।

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