Operation Rejuvenation: आगरा में जोर नहीं पकड़ पाया स्कूलों का 'आपरेशन कायाकल्प'
परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प के लिए शासन ने जून में जारी किए थे निर्देश। अपर मुख्य सचिव शासन रेणुका कुमार ने जून में दिशा-निर्देश जारी किए थे। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत सभी परिषदीय विद्यालयों को मूलभूत जल एवं स्वच्छता तथा अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जाएगा।
आगरा, राजीव शर्मा। सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए शासन ने 'आपरेशन कायाकल्प' के तहत परिषदीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। यह आदेश लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के पहले चरण में दिए गए थे। मगर, ये योजना जोर नहीं पकड़ पाई। बहुत से सरकारी विद्यालयों में अब तक कार्य नहीं हो सके हैं। यह कार्य 30 सितंबर तक पूरे हाेने हैं। इसके लिए शासन ने गाइड लाइन जारी की थी।।
अपर मुख्य सचिव, शासन रेणुका कुमार ने जून में दिशा-निर्देश जारी किए थे। आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत सभी परिषदीय विद्यालयों को मूलभूत जल एवं स्वच्छता तथा अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जाएगा। ग्राम पंचायत की निधियों से मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संबंधित कार्य कराए जाएंगे। बता दें कि अधिकांश विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शौचालय तो दूर कुछ विद्यालयों की कक्षाओं की छत तक नहीं है। बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। फर्श भी टूटे हुए हैं। अपर मुख्य सचिव ने कोविड 19 महामारी के परिणामस्वरूप अन्य प्रदेशों से लौटे व ग्रामों में प्रवासी श्रमिकों को ग्राम स्तर पर ही उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तीव्र गति से कार्य प्रारंभ करने के निर्देश थे। मगर, जिले में अभी भी अधिकांश परिषदय विद्यालयों में कार्य नहीं हो सके हैं। कहीं फर्श नहीं बना है तो कहीं पेयजल की सुविधा के लिए संसाधन नहीं है। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते सभी विद्यालय अभी बंद चल रहे हैं।
ये होने हैं कार्य
शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल, बालक शौचालय यूनिट, बालिका शौचालय यूनिट, शौचालय में जल-नल आपूर्ति, शौचालय का टाइलीकरण, दिव्यांग सुलभ शौचालय, हैंड वाशिंग यूनिट, कक्षा कक्ष की फर्श का टाइलीकरण, श्याम पट्ट, रसोइघर, विद्यालय की समुचित रंगाई-पुताई, विद्यालय परिसर में दिव्यांग सुलभ रैंप एवं रेलिंग, कक्षा कक्ष में उपयुक्त वायरिंग एवं बिजली उपकरण, विद्यालय का बिजली कनेक्शन, बालक मूत्रालय, बालिका मूत्रालय, विद्यालय परिसर में सबमर्सिबल से जल आपूर्ति और फर्नीचर एवं डेस्क बैंच।