करवा से छलकी 80 करोड़ रुपये की 'लक्ष्मी'

-गृहलक्ष्मी के लिए खरीदी से दमका स्वर्ण बाजार बाजारों में लौटी रंगत रेशम की कामदार साड़ियों की रही डिमांड कोरोना महामारी की निराशा के बाद रविवार को करवाचौथ पर्व

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 12:20 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 12:20 AM (IST)
करवा से छलकी 80 करोड़ रुपये की 'लक्ष्मी'
करवा से छलकी 80 करोड़ रुपये की 'लक्ष्मी'

आगरा, जागरण संवाददाता।

कोरोना महामारी की निराशा के बाद रविवार को करवाचौथ पर्व ने आशा की किरण जगाई है। कारोबार बढ़ने से व्यापारियों में उल्लास देखा गया। सुहागिन महिलाओं ने इस बार सोलह सिगार के लिए दिल खोलकर खर्च किया। दुल्हन सा निखार पाने के लिए सैलून पर महिलाओं ने फेशियल, मेनीक्योर-पेडीक्योर, हेयर कटिग, कलरिग और नेल आर्ट करवाया और सजना के नाम की मेहंदी रचाई। गृहलक्ष्मी के लिए खरीदी से स्वर्ण बाजार दमक उठा। करीब 40 करोड़ के सोने व चांदी के गहने बिके। पायल की सर्वाधिक धूम रही। साड़ी शोरूम पर रेशम की कामदार साड़ियों की डिमांड रही।

यूं तो सोने-चांदी की खरीदारी सबसे ज्यादा पुष्य नक्षत्र और धनतेरस पर होती है, लेकिन इस बार पुष्य नक्षत्र के पहले ही सोने की रिकार्ड खरीदारी हुई। करवाचौथ पर सोने के आभूषण से गृहलक्ष्मी को खुश करने के लिए लोगों ने गहने खरीदे। आगरा कॉस्मेटिक डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष गीत चुघ की माने तो पिछले साल की तुलना में इस साल बाजार में तीस प्रतिशत तक की तेजी दिखाई दी। शाह मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता का कहना है कि करवाचौथ पर करीब एक करोड़ का कारोबार हुआ। इमिटेशन ज्वेलरी मैन्यूफैक्चरिग एसोसिएशन के महामंत्री आलोक आर्य ने बताया कि आर्टिफिशयल ज्वेलरी का कारोबार भी खूब हआ। करीब पांच हजार दुकानों पर पांच सौ रुपये से लेकर बीस हजार रुपये तक कुंडल, चूड़ियां, पायल, अंगूठी, हार आदि की काफी मांग रही। करीब पांच करोड का कारोबार हुआ। करवाचौथ पर चांदी की पायल का कारोबार भी चांद की तरह चमका। आगरा सराफा एसोसियेशन के अध्यक्ष निलेश अग्रवाल ने बताया कि करवाचौथ के लिए एक माह पहले से पायलों के आर्डर आने शुरू हो गए थे। करवाचौथ पर पायलों की मांग से बाजार में तेजी है। पिछले साल की तुलना में 20 फीसद मांग ज्यादा है। इस बार हल्की बाल पाइप वाली पायल ट्रेंड में है। उन्होंने बताया कि एक समय था जब राजकोट चांदी के पायल की सबसे बड़ी मंडी होती थी, लेकिन पिछले करीब 25 साल में आगरा राजकोट को पीछे कर चांदी के पायल की सबसे बड़ी मंडी बन गया है।

chat bot
आपका साथी