ADA अनजान, यहां तो खुद ही खोल दी सील, जांच को गठित होगी टीम

शासन के आदेश पर वर्ष एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2021 तक सील हुए भवनों की होगी जांच। जल्द गठित होगी विशेष टीम 120 भवनों और फ्लैट को किया गया है सील। एडीए कार्यालय में हर दिन अवैध निर्माण को लेकर पांच से सात शिकायतें पहुंचती हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:28 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:28 PM (IST)
ADA अनजान, यहां तो खुद ही खोल दी सील, जांच को गठित होगी टीम
एडीए कार्यालय में हर दिन अवैध निर्माण को लेकर पांच से सात शिकायतें पहुंचती हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। - एडीए टीम ने 24 मार्च 2021 को पार्वती घाट, बल्केश्वर पर तीन मंजिला भवन किया था। इसका नक्शा पास नहीं था और नाले पर निर्माण हुआ था। बिना सील खोले भवन का संचालन शुरू हो गया। इसकी शिकायतें एडीए अफसरों से की गईं लेकिन टीम ने आगे की कोई कार्रवाई नहीं की।

- जून 2021 के अंतिम सप्ताह में एडीए टीम ने फ्रेंड्स गार्डन, नेशनल हाईवे-19 के किनारे में तीन फ्लैट सील किए गए थे। यह फ्लैट बंधक जमीन पर वर्ष 2009 में बने थे। तीन फ्लैट को सप्ताह भर में खाली करने का नोटिस दिया गया था लेकिन अभी तक इन्हें सील नहीं किया गया।

- वर्ष 2018 में एडीए टीम ने मदिया कटरा तिराहा मोड़ के समीप स्थित आठ दुकानों को सील किया था। इन दुकानों का निर्माण नक्शे के विपरीत हुआ था। चार फ्लैट संचालकों को भी नोटिस जारी हुआ था। सील तोड़कर पांच दुकानों का संचालन शुरू हो गया है। इस प्रकरण में एडीए के दो सचिव सहित पांच इंजीनियर फंसे हैं।

यह तो तीन ही उदाहरण हैं। जिन्हें एडीए ने सील किया लेकिन लचर मानीटरिंग के चलते सील लगी होने के बाद भवन और दुकानों का संचालन शुरू हो गया। ऐसे सभी निर्माणों की शासन के आदेश पर जांच होगी। दरअसल, प्रदेश सरकार के पास अवैध निर्माण को लेकर लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। कई शिकायतें गलत तरीके से भवनों को सील करने या फिर सील लगी होने के बाद भी उनके संचालक को लेकर हैं। शासन ने एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2021 तक सील किए गए 120 भवनों और फ्लैट की जांच के आदेश दिए हैं।

हर दिन पहुंचती हैं पांच से सात शिकायतें  

एडीए कार्यालय में हर दिन अवैध निर्माण को लेकर पांच से सात शिकायतें पहुंचती हैं। इन्हें जांच के लिए संबंधित अफसर के पास भेज दिया जाता है।

- चार साल के भीतर सील हुए भवनों की जांच कराई जाएगी। इसे लेकर शासन से आदेश मिले हैं।

राजेंद प्रसाद, सचिव एडीए 

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