पांच सितंबर को औटा मनाएगी नई शिक्षा नीति के विरोध में 'शिक्षा बचाओ दिवस'
आगरा में फुपुक्टा भी करेगी सहयोग। शिक्षक नेताओं ने नई शिक्षा नीति को शिक्षकों एवं छात्रों के विरोधी बताया। तमाम विसंगतियां हैं नई नीति में। वहीं एनएसयूआइ ने आंबेडकर विवि परिसर में जमकर हंगामा किया। छात्र नेताओं ने गेट पर चूडि़यों के साथ लटकाया ज्ञापन।
आगरा, जागरण संवाददाता। शिक्षा व्यवस्था में किए जा रहे जनविरोधी बदलावों, विश्वविद्यालय स्तर की परिस्थितियों व विसगंतियों के विरोध में शिक्षकों संघों के अखिल भारतीय संगठन और फुपुक्टा के आह्वान पर औटा पांच सितंबर को शिक्षा बचाओ दिवस के रूप में मनाएगी। जानकारी देने के लिए शुक्रवार को विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क परिसर स्थित औटा कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
फुपुक्टा अध्यक्ष डा. वीरेंद्र सिंह चौहान व महामंत्री डा. वाइएन त्रिपाठी ने नई शिक्षा नीति को शिक्षक व छात्र विरोधी बताया। औटा अध्यक्ष डा. ओमवीर सिंह व महामंत्री डा. भूपेंद्र चिकारा ने कहा कि शिक्षा नीति से गरीब छात्र परेशान होंगे क्योंकि शिक्षा महंगी हो जाएगी। इस दौरान विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता और प्रशासनिक मनमानी पर भी विरोध जताया गया। पांच सितंबर को संगठनों से जुड़े शिक्षक अपने महाविद्यालयों में सुबह 10 से 12 बजे तक शांतिपूर्ण धरना देंगे। वार्ता में डा. निर्मला सिंह, डा. शशिकांत पांडे, डा. गौरव कौशिक, डा. श्याम गोविंद आदि उपस्थित रहे।
एनएसयूआइ ने कुलसचिव कार्यालय के बाहर लटका दिया ज्ञापन और चूड़ियां
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में छह सूत्रीय मांगों को लेकर एनएसयूआइ ने धरना-प्रदर्शन किया। सुरक्षाकर्मियों द्वारा गेट न खोलने पर एनएसयूआइ कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए। किसी अधिकारी के ज्ञापन न लेने पर कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव कार्यालय के बाहर रस्सी से ज्ञापन और चूड़ियां लटका दीं।
एनएसयूआइ ने मांग की है कि विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थानों के छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था हो। आवासीय संस्थानों के छात्रों के लिए प्लेसमेंट सेल गठित हो। विश्वविद्यालय में कार्यरत एजेंसी की समय सीमा पूरी हो चुकी है,एजेंसी को हटाया जाए। आवासीय संस्थानों में छात्र सुविधाएं बेहतर की जाएं और रूके हुए परीक्षा परिणाम जल्दी घोषित किए जाएं।इन मांगों के ज्ञापन के साथ एनएसयूआइ जिलाध्यक्ष सतीश सिकरवार के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के गेट के बाहर एकत्रित हुए। कार्यकर्ताओं को देखकर विश्वविद्यालय के चीफ प्रोक्टर ने गेट बंद कर दिया। इस पर छात्रों ने विरोध किया। जब सुरक्षाकर्मियों ने गेट नहीं खोला तो कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए। बहुत देर तक हंगामा करते रहे। गेट के बाहर धरने पर बैठ गए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
कुछ देर तक इंतजार करने के बाद कार्यकर्ता गेट पर चढ़कर विश्वविद्यालय के अंदर प्रवेश कर गए। कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।कोई अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया तो कुलसचिव कार्यालय के बाहर रस्सी में ज्ञापन और चूड़ी लटका दीं। प्रदर्शन के दौरान अंकुश गौतम, ललित त्यागी, कुलदीप दीक्षित, नितिन प्रताप, मान्या शर्मा, आकाश चंद्रा, विकास कुमार आदि उपस्थित रहे।