वादों की सौगात, हकीकत में नहीं बदले हालात

गांव खंदौली रामनगर और उजरई में जागरण टीम ने लोगों से जाना गांव का हाल पेयजल और गंदगी की समस्या का नहीं हुआ समाधान जीतने के बाद नहीं होते वादे पूरे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 10:00 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 10:00 PM (IST)
वादों की सौगात, हकीकत में नहीं बदले हालात
वादों की सौगात, हकीकत में नहीं बदले हालात

आगरा, जागरण संवाददाता। विकास के वादे तो हर कोई करता है। चुनाव से पहले सब गांव की तस्वीर बदलने की बात कहते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे हकीकत में नहीं बदल पाते। पिछले सालों में तो ऐसा ही होता आया है, इस बार देखते हैं कि वास्तव में गांव की तस्वीर बदलेगी या सिर्फ नेता। यह बातें अब गांवों की चौपाल और दुकानों पर सुनाई दे रही हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम लोगों के मन की बात जानने खंदौली ब्लाक पहुंची।

जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर खंदौली ग्राम पंचायत के गांव खंदौली में सुबह 10 बजे प्रवेश करते ही बाजार में गंदगी से मुकाबिल हुए। कुछ ही दुकानें खुली थीं। दुकानदारों से पूछा कि बाजार में सफाई नहीं होती तो जवाब आया कि साल-छह माह में कभी झाडू़ू लग जाए तो बड़ी बात है। अपने आप ही सफाई करनी पड़ती है। नालियां कूडे़ से अटी हैं, कोई सुनने वाला नहीं हैं। बाजार से थोड़ा अंदर जाने पर एक दुकान के सामने कुछ लोग खडे़ थे। जाहिद ने बताया कि पिछले पांच साल में कोई काम नहीं हुआ। नालियां चोक पड़ी हैं। हर तरफ गंदगी का अंबार है। दुर्गंध और मच्छरों के कारण परेशानी होती है। स्ट्रीट लाइट भी नहीं हैं, रात को अंधेरा रहता है। जब उनसे पूछा कि इस बार प्रत्याशियों से क्या उम्मीद है तो जावेद पहलवान बोले, उम्मीद तो बहुत हैं, लेकिन जीतने के बाद नेता उम्मीद पर खरे उतरें तब न।

खंदौली के बाद टीम रामनगर ग्राम पंचायत पहुंची। गांव में घुसते ही घर के बाहर एक व्यक्ति नाली साफ कर रहे थे। पूछने पर बताया कि कई माह से नाली साफ नहीं हुई है, हर रोज अपने आप ही सफाई करनी पड़ती है। सफाई नहीं करेंगे तो पानी घर में घुस जाएगा। यहां से थोड़ा आगे चलने पर घर के बाहर खडे़ शैलेश कौशिक ने बताया कि गांव में समस्याएं ही समस्याएं हैं। सबसे बड़ी परेशानी पानी की है। गांव में आज भी लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। पाइप लाइन तो हैं लेकिन पानी नहीं आता। उन्होंने कहा कि कोई भी जीते, लेकिन गांव की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर दे। गांव उजरई के हाल भी कुछ ठीक नहीं थे। गांव के प्रवेश मार्ग पर बैठे राम अवतार ने बताया कि गांव में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है। पानी की समस्या भी हर साल बढ़ रही है। प्रत्याशी हर बार गांव की तस्वीर बदलने की बात करते हैं, लेकिन बहुत कुछ बदलता नहीं है। टाक

गांव में खड़ंजा टूटा है। लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा है। साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले पांच साल में कोई ऐसा काम नहीं हुआ, जिससे गांव में बदलाव दिखे।

शैलेश कौशिक, रामनगर पूरे गांव में गंदगी पसरी है। नालियां महीनों साफ नहीं होतीं। मच्छर और दुर्गंध के चलते जीना मुहाल है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं है।

राजकुमार शर्मा, रामनगर बाजार में गंदगी रहती है। साफ-सफाई नहीं होती। गंदगी के चलते मच्छर पनपते हैं। स्ट्रीट लाइट भी आए दिन खराब रहती है, इससे रात में परेशानी होती है।

सोनू अग्रवाल, खंदौली गलियों में नाली का पानी भरा रहता है। इस कारण दुर्गंध रहती है। बीमारी फैलने का डर रहता है। महीनों सफाई नहीं होती। लोग गंदगी और मच्छरों से परेशान हैं।

जावेद पहलवान, खंदौली

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