आपत्तियों में न दबे आवेदन, कुलपति ने किए बदलाव
एक हफ्ते में रोल नंबर नामांकन और नाम में सुधार की समस्याएं होंगी ठीक कर्मचारी हर छात्र को बताएंगे आवेदन की कमी और देंगे अभिलेखों की जानकारी
आगरा,जागरण संवाददाता।
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की हेल्प डेस्क पर आने वाले छात्रों को अब वहां तैनात कर्मचारी आवेदन की कमियों को तुरंत ही बताएगा, जिससे आपत्ति में फंस कर छात्र का आवेदन सालों साल दबा न रहे। कुलपति ने हेल्प डेस्क की कार्यप्रणाली की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया है।
विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की गई थी। हेल्प डेस्क पर आने वाले छात्र काफी परेशान रहते थे। कर्मचारियों का रवैया काफी असंतोषजनक रहता था। आवेदन की कमियों को भी छात्रों को नहीं बताया जाता था, छात्र बार- बार चक्कर काटते थे पर उन्हें हर बार टरका दिया जाता था। समस्या का निराकरण कब होगा, इसकी जानकारी भी नहीं दी जाती थी। इस बाबत कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के पास लगातार शिकायतें पहुंच रहीं थीं। कुलपति ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हेल्प डेस्क की कार्यप्रणाली में बदलाव किया। अब हेल्प डेस्क पर छह कर्मचारियों की तैनाती की गई है। तीन कर्मचारी आने वाले हर छात्र के आवेदन की जांच करेंगे और कमियों को उसी समय दूर कराएंगे। आवेदन के साथ लगने वाले अभिलेखों की जानकारी देंगे। एक ओएसडी यानी आफिस सुपरिटेंडेंट है जो निगरानी करेगा। दो कर्मचारी कंप्यूटर पर बैठ एजेंसी तक हर आवेदन की जानकारी देंगे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एक लिक दिया गया है। नाम, नामांकन, रोल नंबर में सुधार संबंधी समस्याओं को एक हफ्ते में ठीक करने का समय दिया जाएगा। छात्र वेबसाइट के लिक पर एक हफ्ते बाद अपने आवेदन की स्थिति की जानकारी कर सकेंगे।