UP News: अब परिषदीय विद्यालयों का अलग ही होगा नजारा, गुरुकुल शिक्षा पद्धति अपनाने की चल रही तैयारी

विद्यालय से विद्यार्थियों का लगाव व जुड़ाव महसूस करना है उद्देश्य। मौलिक अधिकार नागरिकता कौशल जल एवं पर्यावरण संरक्षण स्वच्छता जलवायु परिवर्तन आदि के प्रति किए जाएंगे जागरूक। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उत्‍तर प्रदेश के स्‍कूलों में नजर आएगा ये बदलाव।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:47 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 08:47 AM (IST)
UP News: अब परिषदीय विद्यालयों का अलग ही होगा नजारा, गुरुकुल शिक्षा पद्धति अपनाने की चल रही तैयारी
बेसिक शिक्षा परिषद स्‍कूलों में गुरुकुल पद्धति अपनाने जा रहा है। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, संदीप शर्मा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब गुरुकुल पद्धति की झलक दिखाई देगी। देश की इस सदियों पुरानी शिक्षा पद्धति को वापस अमल में लाए जाने की कवायद नई शिक्षा नीति के अंतर्गत होगी है। इसमें विद्यार्थियों को मौलिक अधिकार, नागरिकता कौशल, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन और अपशिष्ट प्रबंधन आदि के बारे में जागरूक करने का प्रविधान है।

सिर्फ इतना है नहीं, गुरुकुल शिक्षा पद्धति के तहत विद्यार्थी अब अपने विद्यालयों की साफ-सफाई की कमान भी संभालेंगे, ताकी विद्यालय और वहां के संसाधनों से उनका लगाव बढ़े और वह सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सामूहिकता व परोपकार की भावना भी सीख सकें। बता दें आगरा जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट स्कूलों की संख्या 2761 है। जिसमें दो लाख 34 हजार से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

यह है तैयारी

जानकारों की मानें, तो वर्तमान शैक्षिक सत्र में यह व्यवस्था कक्षा छठवीं से आठवीं तक के परिषदीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। इसमें परिषदीय विद्यालयों में हर विद्यार्थी को रोजाना 15 से 20 खुद साफ-सफाई करनी होगी। फिलहाल कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को उनके मौलिक अधिकार, स्वच्छता, संस्कार, नैतिक शिक्षा आदि के बारे में परिपक्व बनाए जाने का प्रविधान किया गया है। नई शिक्षा नीति की उसी मंशा को देखते हुए सदियों पुरानी गुरुकुल पद्धति के अनुसार इस व्यवस्था को लाने की तैयारी शासन स्तर से की जा रही है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर विद्यालयों में मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम चलाया जाएगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी इसमें पूरी सहभागिता निभाएंगे। वे विद्यार्थियों को सिर्फ साफ-सफाई का अभ्यास ही नहीं कराएंगे, बल्कि उनका नेतृत्व कर उन्हें प्रेरित और जरूरत पर मार्गदर्शन कर खुद भी सफाई करेंगे।

chat bot
आपका साथी