जल्द खुलेगा MBBS परीक्षा में नकल करने और कराने वालों का कच्चा चिट्ठा, मामले के हर एंगल की चल रही जांच

कोई सीनियर है तो कोई दोस्त। ब्लू टूथ डिवाइस पर कर रहे थे डिक्टेट। सिम की काल डिटेल निकलवाने के बाद आगे बढ़ेगी पुलिस की जांच। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के खंदारी परिसर में चल रही हैं एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल (पार्ट-वन) नेत्र विज्ञान की परीक्षा।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:30 PM (IST)
जल्द खुलेगा MBBS परीक्षा में नकल करने और कराने वालों का कच्चा चिट्ठा, मामले के हर एंगल की चल रही जांच
आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के खंदारी परिसर में चल रही हैं एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल नेत्र विज्ञान की परीक्षा।

आगरा, जागरण संवाददाता। खंदारी कैंपस में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करते छात्रों के पकड़े जाने के बाद अब पुलिस उन्हें नकल कराने वालों तक पहुंचेगी। इसके लिए डिवाइस से निकली सिम की काल डिटेल निकलवाई जा रही है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि छात्रों से पूछताछ में पता चला है कि नकल उनको कोई एक गैंग नहीं करा रहा था। सभी को अलग-अलग उनके मित्र और सीनियर करा रहे थे। सभी छात्र सप्लीमेंटरी या री एग्जाम दे रह थे। उनसे पूछताछ करने के बाद अब बरामद सिम की काल डिटेल निकलवाई जा रही है।

मंगलवार को सुबह नौ बजे से 11 बजे तक के बीच की काल से ही नकल कराने वाले की जानकारी हो जाएगी। इसके बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। अभी तक की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि ये किसी संगठित गिरोह के संपर्क में नहीं थे। कुछ छात्रों ने पूछताछ में बताया था कि डिवाइस उन्होंने राजामंडी से खरीदी थी। मगर, यह सही नहीं है। कुछ छात्र दिल्ली से लेकर आए थे तो कुछ ने आनलाइन मंगाई थीं। कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते परीक्षा केंद्र पर छात्रों की चेकिंग नहीं की गई थी। केवल परीक्षा केंद्र के बाहर सभी को चेतावनी दी गई थी कि कोई अनाधिकृत वस्तु न ले जाएं।

कोई किसान तो कोई ठेकेदार और व्यवसायी का बेटा

नकल करते पकड़े गए एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र राहुल बाबू अशोक नगर इटावा के रहने वाले हैं। उनके पिता ठेकेदार हैं। वर्ष 2015 में नीट के माध्यम से प्रवेश लिया था। एक दो बार परीक्षा में बैक आ चुकी थीं। इस बार पास होने के लिए डिवाइस खरीद ली। आगरा के फ्रीगंज निवासी कुणाल शर्मा चतुर्थ वर्ष के छात्र हैं। इनके पिता की दुकान है। ये सप्लीमेंटरी एग्जाम दे रहे थे। इनके पास से भी डिवाइस मिली। मप्र के सहडौल जिले में बुढ़ार की रहने वाली हनी जैसवानी तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। इनके पिता का राइस मिल हैं और क्रेसर हैं। इनके पास मोबाइल बरामद हुआ था। हनी का कहना था कि वे आठ मिनट लेट हो गई थीं। जल्दबाजी में मोबाइल अंदर लेकर पहुंच गईं। हरिद्वार के गांव सिसोना निवासी तृतीय वर्ष के छात्र नदीम मलिक के पिता ठेकेदार हैं। इनके पास से डिवाइस मिली है। कमला नगर के गंगे गौरी अपार्टमेंट निवासी राहुल यादव तृतीय वर्ष में है। इनके पास मोबाइल मिला है। नई दिल्ली के लक्ष्मी नगर निवासी नावेद हसन के पिता व्यवसाय करते हैं। तृतीय वर्ष के छात्र नावेद के पास डिवाइस मिली है। खंदारी के गणपति अपार्टमेंट निवासी तृतीय वर्ष के छात्र अमित यादव के पिता भी व्यवसाय करते हैं। उसके पास भी डिवाइस मिली है। हरियाणा के मानेसर में पचगांव निवासी मोहित यादव के पिता किसान हैं। उसके पास भी डिवाइस मिली है। बांदा जिले में नरैनी निवासी दीपक तृतीय वर्ष का छात्र है। उसके पास भी डिवाइस थी। वहीं कोटा के गिरजा पुरम निवासी तृतीय वर्ष के छात्र मोहित सैनी के पास भी डिवाइस मिली है। 

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