Agra Metro: अब आगरा में नया निर्माण करने से पहले लेनी होगी एक और विभाग से एनओसी

आगरा मेट्रो के लिए प्रस्‍तावित कॉरिडोर से 50 मीटर के दायरे पर अब यूपीएमआरसी से लेना होगा अनापत्ति प्रमाण पत्र। आवास एवं शहरी नियोजन के उप सचिव एके द्विवेदी ने जारी किए दिशा-निर्देश एडीए उपाध्यक्ष से मांगी गई रिपोर्ट। लखनऊ और कानपुर मेट्रो में लागू है नियम।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 05:13 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:13 PM (IST)
Agra Metro: अब आगरा में नया निर्माण करने से पहले लेनी होगी एक और विभाग से एनओसी
आगरा में प्रस्‍तावित मेट्रो का काल्‍पनिक फोटो।

आगरा, अमित दीक्षित। आगरा मेट्रो के पहले अौर दूसरे कॉरिडोर से 50 मीटर के दायरे में आने वाले भवन स्वामियों की दिक्कतें बढ़ने जा रही है। न तो वह भवन की मरम्मत करा सकते हैं और न ही कोई नया निर्माण। इसके लिए उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। इसके बाद ही एडीए द्वारा कोई भी नक्शा पास किया जाएगा। अगर बिना किसी सूचना के निर्माण किया जाता है तो उसे अवैध निर्माण मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं, अगर भविष्य में भवन का कुछ भाग टूटता है तो ऐसे में मुआवजा नहीं मिलेगा।

आगरा शहर में मेट्रो की लंबाई तीस किमी होगी। सिकंदरा से लेकर ताज पूर्वी गेट तक पहला कॉरिडोर 14 किमी और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक दूसरा कॉरिडोर 16 किमी लंबा होगा। दोनों कॉरिडोर को मिलाकर 30 स्टेशन होंगे। पहले कॉरिडोर में 14 में से सात किमी क्षेत्र में अंडरग्राउंड ट्रैक बिछाया जाएगा, जबकि बाकी का सात किमी एलीवेटेड ट्रैक होगा। वहीं दूसरे कॉरिडोर में पूरा एलीवेटेड ट्रैक होगा। जिस स्थलों से होकर मेट्रो गुजर रही है। वहां लगातार निर्माण हो रहे हैं। खासकर सिकंदरा और ताज पूर्वी गेट के आसपास। जिसे देखते हुए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के उप सचिव एके द्विवेदी ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि लखनऊ के जिस हिस्से से होकर मेट्रो गुजरी है। वहां 50 मीटर के दायरे में अगर भवन निर्माण होता है तो उसका नक्शा तभी पास किया जाता है। जब यूपीएमआरसी की एनओसी लगी हो। यही नियम कानपुर और आगरा में भी लागू होगा। एडीए उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कुशवाहा से रिपोर्ट मांगी है। एडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि मुख्य नगर नियोजक को इसकी जानकारी दी जा रही है। 

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