Speed Limit at Expressway: आठ वर्ष बाद आई एक्सप्रेस वे पर गति सीमा निर्धारित करने की याद

Speed Limit at Expresswayआठ वर्ष पहले यमुना एक्सप्रेस वे और चार वर्ष पहले शुरू हुआ लखनऊ एक्सप्रेस वे। संभागीय परिवहन विभाग द्वारा गतिसीमा निर्धारित करने को अब जारी की गई अधिसूचना।आगरा से ग्रेटर नोएडा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे का उद् घाटन नौ अगस्त 2012 को हुआ।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 03:25 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 03:25 PM (IST)
Speed Limit at Expressway: आठ वर्ष बाद आई एक्सप्रेस वे पर गति सीमा निर्धारित करने की याद
दोनों एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गतिसीमा निर्धारित करने को अधिसूचना जारी की है।

आगरा, जागरण संवाददाता। इसे सरकारी तंत्र की लापरवाही कहें या नजरअंदाजी। आठ वर्ष से यमुना एक्सप्रेस वे और चार वर्ष से लखनऊ एक्सप्रेस वे पर वाहन चल रहे थे। गतिसीमा के बोर्ड भी लगे थे और उल्लंघन पर चालान भी किए जा रहे थे। मगर, इसे वैधानिक मान्यता अब मिली है। गुरुवार को आगरा के एआरटीओ प्रशासन ने मोटर वाहन अधिनियम के अधिकार का प्रयोग करते हुए दोनों एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गतिसीमा निर्धारित करने को अधिसूचना जारी की है।

आगरा से ग्रेटर नोएडा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे का उद्घाटन नौ अगस्त 2012 को हुआ। इस पर यमुना एक्सप्रेस वे डवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा गतिसीमा तय कर दी गई थी। कार के लिए 100 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 60 किमी प्रति घंटे गतिसीमा तय की गई। इससे अधिक स्पीड से वाहन चलाने पर वाहनों के चालान किए जा रहे थे। इसके बाद वर्ष 2016 में आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भी वाहन चलना शुरू हो गए। इस पर उप्र एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी ने इस पर कार के लिए 100 और भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रति घंटा की गतिसीमा तय कर दी। इससे अधिक चलाने पर यहां वाहनों के चालान हो रहे थे। तब से संबंधित विभागों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। गुरुवार को एआरटीओ प्रशासन आगरा ने मोटर वाहन अधिनियम की शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचना जारी की। इसमें उन्होंने दोनों एक्सप्रेस वे पर वाहनों के लिए गतिसीमा तय की है। पूर्व में एक्सप्रेस वे अथॉरिटी द्वारा तय गतिसीमा को ही उन्होंने अधिसूचना से वैधानिक मंजूरी दे दी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि अब तक अधिकारियों ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया था? अब अचानक उन्हें इसकी याद क्यों आई? इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। एआरटीओ प्रशासन आगरा अनिल कुमार का कहना है कि परिवहन आयुक्त के निर्देश के बाद उन्होंने गतिसीमा निर्धारित करने को अधिसूचना जारी की है। यह गतिसीमा निर्धारित करने की वैधानिक प्रक्रिया है। तो अब तक कैसे हुई कार्रवाई ? एक्सप्रेस वे पर गतिसीमा उल्लंघन पर लंबे समय से कार्रवाई हो रही है। एक्सप्रेस वे पर लगे स्पीड रडार से वाहन की स्पीड पता चल जाती है। टोल प्लाजा के कंट्रोल रूम में ऐसे वाहनों का डाटा फीड हो जाता है। यहां से गतिसीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों का डाटा संबंधित जिलों के आरटीओ और ट्रैफिक कार्यालयों को मेल से भेजा जाता है। वहां से वाहनों के चालान किए जाते हैं। इस प्रकिया से अब तक हजारों के वाहनों के चालान हो चुके हैं। क्या ये चालान बिना वैधानिक प्रक्रिया पूरी किए करना कानूनन सही था?

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