विश्वविद्यालय में किसी को कोरोना से नहीं लगता है डर

बिना मास्क के काम करते हैं कर्मचारी घूमते हैं छात्र पिछले साल तीन कर्मचारियों की हुई थी मौत 15 से ज्यादा हुए थे संक्रमित

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 07:36 PM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 07:36 PM (IST)
विश्वविद्यालय में किसी को कोरोना से नहीं लगता है डर
विश्वविद्यालय में किसी को कोरोना से नहीं लगता है डर

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में कोरोना का खौफ खत्म हो गया है। छात्रों से लेकर कर्मचारी और शिक्षक तक बिना मास्क के घूमते दिख जाते हैं। अपना काम कराने के लिए हेल्प डेस्क पर और विभागों में अपने आवेदन को आगे बढ़वाते हुए छात्र बिना शारीरिक दूरी के नियम का पालन किए खड़े दिख जाते हैं। यह स्थिति तब है, जब विश्वविद्यालय में पिछले साल सितंबर में 15 से ज्यादा कर्मचारियों और शिक्षकों को कोरोना हुआ था। तीन कर्मचारियों की मौत भी हुई थी।

पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बाद एक महीने से ज्यादा समय तक विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसी समय हर कर्मचारी और शिक्षक को मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करने की सख्त हिदायत भी दी गई थी। तीनों गेटों पर सैनिटाइजेशन टनल भी लगाई गई थी। बिना काम के किसी भी छात्र को परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। समय के साथ यह सख्ती हवा में उड़ गई। विश्वविद्यालय के हर विभाग में बिना मास्क के छात्रों और कर्मचारियों को घूमते और काम करते देखा जा सकता है। आनलाइन और हेल्प डेस्क पर स्थिति खराब

सबसे ज्यादा स्थिति हेल्प डेस्क और आनलाइन विभाग में खराब है। यहां छात्रों की भीड़ लगी रहती है। बिना मास्क के, एक-दूसरे से सट के खड़े छात्रों को हर रोज देखा जा सकता है। हेल्प डेस्क पर गोले भी बनाए गए थे, लेकिन छात्रों को यह गोले भी दिखाई नहीं देते हैं। विभागों में भी छात्र बिना मास्क के घूमते रहते हैं, जबकि हर दीवार पर मास्क पहनना अनिवार्य लिखा हुआ है। कर्मचारी भी कर रहे अनदेखी : कोरोना गाइडलाइंस का पालन विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी नहीं कर रहे हैं। गले, कान पर मास्क लटकाए कर्मचारी काम करते दिखते हैं, लेकिन किसी के भी नाक पर मास्क नहीं होता है। गेटों पर लगी टनल खराब हो चुकी हैं।

कोरोना का बढ़ता संक्रमण चिता का विषय है। हम छात्रों के लिए सख्ती करेंगे। कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए भी निर्देश जारी किए जाएंगे।

- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति

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