Wetland: NGT का आदेश, अब आगरा मंडल के इस जिले में सहेजे जाएं वेटलैंड, 109 की हुई पहचान
Wetland वन विभाग बना नोडल चार विभागों को मिला पहचान का जिम्मा। अब तक 109 वेटलैंड की हुई पहचान प्रदूषण बोर्ड करेगा निगरानी। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड को मैनपुरी जिले के भूजल को सहेजने वाले वेटलैंड की पहचान कर योजना बनाने को कहा है।
आगरा, जेएनएन। मैनपुरी जिले में अब वेटलैंड सहेजने का काम होगा। प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग और दूसरे विभाग इसमें जुटेंगे। प्रदूषण से मुक्त करने को भी काम हाेगा। अब तक 109 वेटलैंड की पहचान हो चुकी है। मकसद पक्षियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना और भूगर्भ जल को प्रदूषित हाेने से बचाना भी है।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड को मैनपुरी जिले के भूजल को सहेजने वाले वेटलैंड की पहचान कर योजना बनाने को कहा है। इस पर फीरोजाबाद में काम कर रहे प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने इसके लिए वन विभाग को अन्य विभागों से सहयोग लेकर इनकी पहचान करके कार्य योजना देने को कहा। ऐसे वेटलैंड को सहेजकर प्रदूषण से मुक्त कराकर पानी को साफ किया जाएगा तो पक्षियेां के लिए भी उपयोग लायक बनाया जाएगा।
हुई 109 वेटलैंड की पहचान
एनजीटी के निर्देश के बाद चार विभाग जिले के वेटलैंड की पहचान में जुटे तो अब तक 109 की तलाश का काम पूरा हो गया। इनमें कुछ छोटे तो कुछ काफी बड़े भी हैं। ऐसे वेटलैंड में निकायों ने 10, लघु सिंचाई विभाग ने 32 और मनरेगा सेल ने 59, सिंचाई विभाग ने सात की पहचान की है।
यह विभाग जुटे काम में
वेटलैंड की पहचान को निकाय, लघु सिंचाई विभाग, सिंचाई विभाग और मनरेगा सेल जुटे थे। मनरेगा सेल को जीरो से एक हेक्टेयर, लघु सिचाई विभाग को एक से पांच हेक्टेयर, सिंचाई विभाग को पांच हेक्टेयर के वेटलैंड की पहचान का जिम्मा मिला था, स्थानीय निकायों को अपने यहां के वेटलैंड की जानकारी देनी थी।
एनजीटी के निर्देश पर जिले में वेटलैंड की पहचान का काम चल रहा है। अब तक 109 वेटलैंड की पहचान हुई है। मकसद इनको प्रदूषण से मुक्त कराकर बेहतर बनाना है। वैसे, जिले में ऐसा कोई वेटलैंड नहीं मिला, जिसमें किसी औद्योगिक फैक्ट्री का पानी जा रहा हो। कार्ययोजना बनाकर प्रदूषण बोर्ड फीरोजाबाद भेजी जाएगी।
- अखिलेश पांडेय, प्रभागीय वन निदेशक।