फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच में हर रोज खुल रहीं नई परतें

50 मामले प्रतिरूपण के 75 में पिता व छात्र के नाम गलत 62 मामलों में छात्र अनुपस्थित लेकिन मिल गए अंक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 09:47 PM (IST)
फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच में हर रोज खुल रहीं नई परतें
फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच में हर रोज खुल रहीं नई परतें

आगरा, जागरण संवाददाता । डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी बीएड डिग्री मामले में जांच समिति के सामने हर हर रोज नई परत खुली रही है। विश्वविद्यालय की जांच समिति ने जो रिपोर्ट कार्य परिषद के सामने रखी थी, उसमें 1021 अंकतालिकाओं में छेड़छाड़ मिली। कर्मचारियों ने छात्रों के रिकार्ड में इतनी हेराफेरी की है कि जांच समिति भी हैरान है।

रिपोर्ट के अनुसार 75 मामले ऐसे मिले हैं जिनमें छात्र व पिता के नाम चार्ट, फाइल और एसआइटी की सूची में अलग-अलग हैं। 50 मामले प्रतिरूपण के मिले हैं। 62 ऐसे हैं जिनमें फाइल में छात्र अनुपस्थित हैं, लेकिन चार्ट में अंक चढ़ा दिए गए हैं। एक छात्रा का मामला भी पकड़ा गया है, जिसमें यूएफएम में पकड़ी गई छात्रा को यूएफएम कमेटी ने मानवीय पक्ष रखते हुए 55 अंक दे दिए हैं। चार्ट में उसके अंक 70 चढ़े हुए हैं। जांच में पता चला है कि 387 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनके अंक बढ़ाए गए हैं। 10 अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को 30 और 30 वालों को 50 अंक दे दिए गए हैं। चार्ट, फाइल और अंकतालिकाओं में नंबर बिल्कुल अलग हैं। इस बारे में छात्रों ने कुलपति से मुलाकात कर साक्ष्य भी दिए हैं। तीन मामले मिले थे सही

एसआइटी ने अपनी जांच में एक छात्र की अंकतालिका को टैंपरिग की सूची में शामिल कर दिया था। एसआइटी का कहना था कि छात्र के फाइल में अंक हैं, लेकिन चार्ट में वह अनुपस्थित है। इस मामले में जांच समिति ने पाया कि यह टैंपरिग का नहीं, बल्कि विभागीय भूल है। दूसरा मामला एक छात्रा का था, जिसमें त्रुटि दूर करने पर उसके अंक बराबर मिले। तीसरे मामले में भी टैंपरिग नहीं मिली।

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