Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी जब आए थे आगरा तो युवाओं ने खून से लिख दिया था 'जय हिंद'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपनी विचारधार से सबको अवगत कराने के लिए 1940 में दूसरी बार आगरा आए थे। मोतीगंज के चुंगी मैदान में की थी सभा अंग्रेजों के खिलाफ गरजे थे। खातीपाड़ा में सेठ रतनलाल जैन के आवास पर भी किया था प्रवास।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:03 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:44 AM (IST)
Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी जब आए थे आगरा तो युवाओं ने खून से लिख दिया था 'जय हिंद'
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1940 में आगरा में सभा की थी।

आगरा, गौरव भारद्वाज। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा... का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का ताजनगरी से भी नाता रहा है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि नेताजी के आह्वान पर वर्ष 1940 में एक सभा में अंग्रेजों के खिलाफ जमकर गरजे थे। देश को आजादी दिलाने की इच्छा रखने वालों ने नेताजी के कहने पर अपने खून से जय हिंद लिख दिया था।

वर्ष 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। इस चुनाव में महात्मा गांधी ने नेपट्टाभि सीतारमैया को समर्थन दिया था। इसके बावजूद नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सीतारमैया को 233 मतों से हरा दिया था। गांधीजी ने इसे अपनी व्यक्तिगत हार बताया था। बाद में अप्रैल, 1939 में नेताजी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी बनाई थी। नेताजी अपनी विचारधार से सबको अवगत कराने के लिए 1940 में दूसरी बार आगरा आए थे। कांग्रेस नेता शशि भूषण शिरोमणि ने बताया कि नेताजी से उनके पिता दिवंगत श्रीप्रकाश नारायण शिरोमणि व चाचा दिवंगत गोपाल नारायण शिरोमणि ने भेंट की थीं। नेताजी की सभा मोतीगंज के चुंगी मैदान में होनी थी। उनका पुराना घर चुंगी मैदान के पास दरेसी में था, इसलिए सभा की तैयारियों की जिम्मेदारी उनके पिता के पास थी। उन्होंने बताया कि वो अपने चाचा के साथ नेताजी की सभा में चुंगी मैदान में गए थे। उनके पिताजी उन्हेंं बताते थे कि नेताजी ने चुंगी सभा में लोगों में जोश भर दिया था। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया था कि ब्रिटिश नौकरशाही इस समय विश्व युद्ध में उलझी है, ऐसे मेंं अंग्रेजों पर हमला बोलना काफी फायेदमंद रहेगा। उन्होंने छात्रोंं से कालेज छोड़ आंदोलन में शामिल होने सशस्त्र संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा था।

अपने खून से लिख दो

1940 में हुई सभा में नेताजी ने लोगों से पूछा था कि जो लोग आजादी चाहते हैं वो अपना हाथ उठा दें। इस पर सभा में सभी ने हाथ उठा दिए थे। वे संतुष्ट नहीं हुए, फिर बोले- जो युवक देश को गुलामी की जंजीरोंं से मुक्त कराना चाहते हैं वे अपने खून से लिखकर देंं। युवकों में बहुत जोश था। कई युवाओं ने कागज पर अपने खून से जय हिंद तो कुछ ने वंदे मातरम लिखा था। कई ने भारत माता की जय और सुभाष चंद्र बोस की जय भी लिखा था।

रतनलाल जैन के आवास पर रुके थे नेताजी

सुभाष चंद्र बोस जब आगरा आए थे, तो उनके साथ काकोरी कांड के क्रांतिकारी रामकृष्ण खत्री भी थे। उनके प्रवास की व्यवस्था इस बार भी लोहामंडी खातीपाड़ा स्थित कांग्रेस नेता रतनलाल जैन के आवास पर की गई थी। यहां पर उन्होंने क्रांतिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें बौहरे गौरीशंकर गर्ग, हार्डी बम कांड के वासुदेव गुप्त, रोशनलाल करुणेश आदि उपस्थित रहे थे। इससे पहले भी 1938 में नेताजी एक बार आगरा आए थे, तब भी वो रतनलाल जैन के यहां पर ही रुकेे थे। 

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