Income Tax: न रिटर्न फार्म डाउनलोड हो रहे, न आडिट रिपोर्ट हो रही अपलोड, आयकरदाता परेशान

सात जून से जारी है आयकर विभाग के नए पोर्टल की मनमानी। करदाता और टैक्स प्रोफेशनल हो रहे परेशान। जिले के हजारों आयकरदाताओं को नए पोर्टल पर उनके डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत करने के निर्देश दिए हैं लेकिन नई वेबसाइट में न तो उसका पाॅपअप आ रहा है न कोई लिंक।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:58 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:58 AM (IST)
Income Tax: न रिटर्न फार्म डाउनलोड हो रहे, न आडिट रिपोर्ट हो रही अपलोड, आयकरदाता परेशान
आयकर विभाग के नए पोर्टल पर लगातार व्‍यवधान बना हुआ है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आयकरदाता और टैक्स प्रोफेशनल सात जून से लगातार परेशान हो रहे है। कारण, आयकर विभाग ने नई वेबसाइट शुरू होने के पहले दिन से अब तक नियमित रूप से नहीं चल पा रही। इससे न तो आयकर रिटर्न फार्म डाउनलोड हो पा रहे हैं, न ही आडिट रिपोर्ट ही अपलोड हो रही है, जबकि उनकी अंतिम तिथि नजदीक है।

टैक्स प्रोफेशनल्स का कहना है कि आयकर विभाग के नए पोर्टल की इस स्थिति के कारण नए बैंक लोन व कंपनी एक्ट की आडिट रिपोर्ट दाखिल करने जैसे कई अहम काम अटके पड़े हैं। साथ ही आयकर विभाग ने जिले के हजारों आयकरदाताओं को नए पोर्टल पर उनके डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन नई वेबसाइट में न तो उसका पापअप आ रहा है, न कोई लिंक। ऐसे में दिक्कत होना लाजमी है।

यहां पेश आ रही दिक्कत

- कुल टर्नओवर से 8 फीसद से कम लाभ और एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली फर्मों को अपनी आडिट रिपोर्ट फाइल करनी है। हालांकि प्रक्रिया सालभर चलती है।

- ढाई लाख से अधिक आय वाले व्यक्ति, कंपनी व पार्टनरशिप फर्म को आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। इसकी अंतिम तिथि फिलहाल बढ़ाकर 30 सितंबर की गई है।

- एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यक्ति, ट्रस्ट, सोसायटी, कारपोरेशन व पार्टनरशिप फर्म को अपनी टीडीएस रिपोर्ट दाखिल करनी है, जिसकी अंतिम तिथि 30 जून है।

सीए प्रार्थना जालान का कहना है कि आयकर विभाग की साइट सात जून से ही लगातार परेशान कर रही है। जरा भी काम नहीं हो पा रहा। यही हाल रहा, तो अंतिम तारीख 30 जून तक सैकड़ों करदाता टीडीएस व आडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाएंगे।

इसलिए भी है नई वेबसाइट की जरूरत

- आयकर व जीएसटी रिटर्न का डाटा एक जगह दिखाई दे, ताकि रिटर्न दाखिल करना आसान और पारदर्शी हो।

- यूपीआइ व डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बकाया टैक्स जमा कराने की सुविधा करदाता को मिलेगी। बैंक चालान बनवाने के झंझट से मुक्ति।

- टैक्स अकाउंट 26एएस की डिमांड या रिफंड की क्या स्थिति है? शेयर व म्युच्युल फंड बिक्री से प्राप्त पूंजी रिटर्न में खुद दिखने लगेगी।

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