वजूद की जंग लड़ रहा मजार वाला तालाब

सफाई न होने से खतरे में 150 साल पुराना अस्तित्व दबंगों का कूड़ा-करकट डालकर कर लिया है कब्जा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 06:05 AM (IST)
वजूद की जंग लड़ रहा मजार वाला तालाब
वजूद की जंग लड़ रहा मजार वाला तालाब

जागरण टीम, आगरा। पशु-पक्षी ही नहीं, इंसानों की भी प्यास बुझाने वाले तालाब का अस्तित्व संकट में है। महुआखेड़ा का 150 वर्ष पुराने मजार वाले तालाब अपने वजूद की जंग लड़ रहा है। यहां दबंगों ने कब्जा कर लिया है। गंदगी का आलम यह कि यहां से निकलते हुए लोग भी नाक-मुहं सिकोड़ते हैं। तालाब को अपने उद्धारक का इंतजार है।

फतेहाबाद क्षेत्र में आठ बीघा क्षेत्रफल में फैले इस तालाब को विशाल स्वरूप के लिए जाना जाता था। कुछ लालचियों की नजर इसे लग गई। प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह रहा कि तालाब का वजूद खत्म होता गया। धीर-धीरे आधे तालाब पर कब्जा हो गया। अब जो हिस्सा बचा है, उस पर भी कूड़ा करकट डालकर कब्जा किया जा रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि पहले तालाब के किनारे धोबी घाट था। सुबह पक्षियों की चहचहाहट मन को आनंदित कर देती थी। बीते एक दशक में इसकी दशा बद से बदतर होती गई। अब गंदगी के चलते हालात ये हैं कि पानी दिखाई ही नहीं देता। ग्राम पंचायत और प्रशासनिक स्तर से कभी इसकी खोदाई नहीं हुई है। सिल्ट जमा होने से तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर मकानों और गलियों में भर रहा है। शिकायत के बाद भी नहीं सुधरे हालात

कई बार ग्रामीणों ने तालाब की दशा सुधारने के लिए तहसीलस्तर से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की लेकिन तालाब की सफाई और सुनवाई दोनों ही नहीं हो सकी। क्या कहते हैं प्रधान

ग्राम प्रधान सुभाष चंद्र का कहना है कि तालाब की पैमाइश हो चुकी है। कार्य योजना में तालाब की खोदाई भी शामिल है। इस समय खेतों मे फसल खड़ी है। इसलिए खोदाई संभव नहीं। अप्रैल में तालाब की खोदाई का काम शुरू होगा। पहले कच्चे मकान होते थे, तब तालाबों की मिट्टी छतों पर डाली जाती थी। इससे स्वत: ही तालाब की खुदाई हो जाती थी। अब वे दिन नहीं रहे। तालाबों की सफाई होना जरूरी है।

हरीशकर, ग्रामीण पहले इस तालाब का पानी इतना स्वच्छ था कि गाव में भंडारे के लिए पानी यहीं से मंगवाया जाता था लेकिन अब इसका पानी पीने लायक भी नहीं रहा। यह प्रशासनिक अनदेखी है।

छीतर सिंह, ग्रामीण मजार वाले तालाब में गंदगी भरी पड़ी है। कूड़ा-करकट डालकर कब्जा किया जा रहा है। इससे दलदल हो गया है। इसकी सफाई और सुंदरीकरण से ही दिन बदलेंगे।

अतर सिंह, ग्रामीण कार्ययोजना में तालाब की खोदाई और सफाई कार्य को शामिल किया गया है। शीघ्र ही कार्य कराया जाएगा।

सुरेंद्र सिंह भदौरिया, सहायक विकास अधिकारी, ब्लाक बरौली अहीर

chat bot
आपका साथी