Virtual Race: ट्रैक पर नहीं अब वर्चुअल रिएलिटी रेस में दौड़ाता है गाड़ी ये International Racer

16 साल के शाहान ताजनगरी के एकमात्र कार्टिंग रेसर हैं। 200 से ज्यादा वर्चुअल रिएलिटी रेसों में ले चुके हैं हिस्सा। अपने घर में सिम्यूलेटर पर बैठकर वे दुनिया भर के रेसिंग ट्रैक पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 08:42 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 01:35 PM (IST)
Virtual Race: ट्रैक पर नहीं अब वर्चुअल रिएलिटी रेस में दौड़ाता है गाड़ी ये International Racer
एशियन चैंपियन और चार बार बेस्ट ड्राइवर अॉफ द ईयर शाहान मोहसिन घर पर प्रेक्टिस करते हुए ।

आगरा, प्रभजोत कौर। 2016 में एशियन चैंपियन, चार बार के नेशनल चैंपियन और चार बार बेस्ट ड्राइवर अॉफ द ईयर चुने गए ताजनगरी के एकमात्र कार्टिंग रेसर शाहान मोहसिन कोरोना काल में अपने घर से ही दुनिया भर की रेसों में हिस्सा ले रहे हैं। इसके लिए उन्हें किसी देश में जाने की जरूरत नहीं है, बलिक् अपने घर में सिम्यूलेटर पर बैठकर वे दुनिया भर के रेसिंग ट्रैक पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं। कोरोना काल में शाहान 200 से ज्यादा वर्चुअल रिएलिटी रेसों में हिस्सा ले चुके हैं।

क्या होता है सिम्यूलेटर?

यह एक सिस्टम है, जो गेमिंग कंसोल यानी कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इसकी सीट एक रेसिंग कार की तरह ही होती है, इसमें लगे पैडल से उसी स्पीड पर पहुंचा जा सकता है, जो ट्रैक पर होती है। सीट के सामने तीन से चार स्क्रीन लगी होती हैं, जिस पर वर्चुअल ट्रैक देखा जाता है। रेसिंग सिम्यूलेटर से ड्राइवर या रेसर ट्रैक को बेहतर समझ पाते है तथा कार या मोटरसाइकिल का वर्चुअल अनुभव भी प्राप्त कर पाते है। असली ट्रैक पर जाने से पहले, रेसर ट्रैक की बारीकियों को समझने और प्रेकि्टस के लिए इसकी मदद लेते हैं।ड्राइवर की सुविधानुसार टेलिस्कोपिक व टिल्ट फंक्शन से स्टीयरिंग व्हील को भी समायोजित किया जा सकता है। यह ड्राइवर को विभिन्न ट्रैक, विभिन्न रेसिंग लाइन तथा विभिन्न रेसिंग कंडीशन को अनुभव करने का मौका देता है। सिम्यूलेटर पर 60 से 70 प्रतिशत तक ट्रैक जैसा ही अनुभव मिलता है। इस पर प्रेकि्टस करने से ब्रेक, टर्निंग पोइंट और रिफ्लेक्स का अंदाजा सही लग जाता है।

पिछले साल से ट्रैक पर नहीं चलाई गाड़ी

16 साल के शाहान बताते हैं कि पिछले साल अक्तूबर से उन्होंने ट्रैक पर गाड़ी नहीं चलाई है।दसवीं की परीक्षा के कारण उन्होंने ब्रेक लिया था, मार्च में उनकी परीक्षाएं खत्म हुईं और इसके बाद कोरोना काल शुरू हो गया।

पिछले साल लिया था सिम्यूलेटर

शाहान के पिता शाहरु मोहसिन ने पिछले साल ही घर पर सिम्यूलेटर का पूरा सेटअप लगवाया था।अब इसी सिम्यूलेटर पर शाहान प्रेकि्टस करने के साथ ही रेसों में भी हिस्सा लेते हैं।अब तक इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका के कई ट्रैक पर वर्चुअल गाड़ी चला चुके हैं।शाहान बताते हैं कि वर्चुअल रिएलिटी रेस लेटेस्ट ट्रेंड है, इसमें दुनिया भर के नामी रेसर भी भाग लेते हैं। कोरोना काल में इसका क्रेज काफी बढ़ा है।

अर्जुन अवार्ड के लिए भेजा था नामांकन

इस साल शाहान का नाम अर्जुन अवार्ड के लिए फेडरेशन अॉफ मोटर स्पोर्ट्स अॉफ इंडिया ने भेजा था।नाम तो फाइनल नहीं हुआ लेकिन नामांकन पाने वालों में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।

चार साल की उम्र से है जुनून

पिता शाहरु मोहसिन बताते हैं कि शाहान आम बच्चों की तरह कार्टून नहीं देखता था। वो टीवी पर रेस देखता था।चार साल की उम्र से ही किताबों और अखबारों में से कारों की फोटो काट कर रखता था। शाहान जब आठ साल का हुआ तो हैदराबाद में ट्रेनिंग दिलवाई गई।2013 में पहली बार रेस में हिस्सा लिया था। 

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